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ओडिशा सरकार ने हजारों आंदोलनरत किसानों को हिरासत में लिया

भुवनेश्वर 05 नवंबर (वार्ता) ओडिशा में मंहगाई, सम्मान और पेंशन की मांग को लेकर आंदोलनरत हजारों किसानों ने धारा 144 लगाये जाने के बावजूद राजधानी भुवनेश्वर में घुसने का प्रयास किया जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
नव निर्माण कृषक संगठन (एनएनकेएस) के बैनर तले हजारों किसानों ने सोमवार को राज्य सरकार के निषेधाज्ञा के आदेश की अवहेलना करते हुए राजधानी के बाहरी क्षेत्रों से भुवनेश्वर में घुसकर प्रदर्शन करने की कोशिश की। पुलिस ने उनकी इस कोशिश को नाकाम करते हुए हजारों किसानों को हिरासत में ले लिया।
एनएनकेएस ने राज्य की बीजू जनता दल (बीजद) सरकार पर किसानों की लंबे समय से लंबित मांग के प्रति उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए 29 अक्टूबर को आठ दिवसीय जन सत्याग्रह की शुरुआत की थी और पांच नवंबर को भुवनेश्वर में जलूस निकालकर प्रदर्शन करने का आह्वान किया था।
बीजद सरकार ने आज किसानों की समस्याओं पर विचार करने और उन्हें मनाने के लिए राज्य के वित्त मंत्री शशि भूषण बेहरा की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय अंतर मंत्रालयी समिति का गठन किया।
श्री बेहरा ने रविवार को एनएनकेएस के संयोजक अक्षय कुमार से आंदोलन वापस लेने अपील की थी और किसान नेताओं को आश्वासन दिया था कि सरकार उनकी मांगों पर विचार करेगी लेकिन किसानों ने वित्त मंत्री के प्रस्ताव को खारिज करते हुए राजधानी में व्यापक सम्मेलन तथा प्रदर्शन करने का निर्णय लिया।
एनएनकेएस ने सरकार द्वारा अंतर मंत्रालयी समिति के गठन को किसानों की आंखों में धूल झोंकना बताया। एनएनकेएस के संयोजक ने किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए की गयी पुलिस की कार्रवाई पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यदि किसानों को राजधानी में नहीं घुसने दिया जा रहा तो वे भी राजनेताओं को गांवों में घुसने नहीं देंगे।
राज्य के विपक्षी दलों भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने किसान आंदोलन का समर्थन किया और बीजद सरकार की किसानों पर की गयी कार्रवाई को अलोकतांत्रिक कहकर उसकी निंदा की।
दिनेश, यामिनी
वार्ता
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