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पूर्व मुख्यमंत्रियों पर खर्च धनराशि मामले में न्यायालय ने मांगा जवाब

नैनीताल 12 दिसंबर(वार्ता) उत्तराखंड के पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों पर 13 करोड़ से अधिक की सरकारी धनराशि खर्च होने के मामले में उच्च न्यायालय ने सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय में बुधवार को देहरादून की एक गैर सरकारी संस्था रूरल लिटिगेशन एंड एनटाइटलमेंट केन्द्र (रलेक) की ओर से यह जानकारी दी गयी। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायाधीश रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष कहा गया कि सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत विभिन्न विभागों से मांगी जानकारी में यह खुलासा हुआ है।
अधिवक्ता कार्तिकेय हरि गुप्ता ने बताया कि केन्द्र की ओर से पेश पत्र में कहा गया है कि जिन मुख्यमंत्रियों पर करोड़ों रूपये की धनराशि खर्च की गयी है और उनमें कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत पं. नारायण दत्त तिवारी, पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी एवं पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक शामिल हैं। इनमें सबसे अधिक धनराशि पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी एवं सबसे कम राशि विजय बहुगुणा के नाम पर खर्च की गयी है।
श्री गुप्ता ने यह भी बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के नाम पर 3.70 करोड रुपये, श्री तिवारी के नाम पर 2.39 करोड़, रमेश पोखरियाल निशंक के नाम पर 2.17 करोड़, भुवन चंद्र खंडूड़ी के नाम पर 2.81 करोड़ जबकि विजय बहुगुणा के नाम पर 1.11 करोड़ रूपये विभिन्न मदों में खर्च किया गया है। इनमें वाहन के रखरखाव, देहरादून से बाहर जाने पर ईंधन खर्च, टैक्सी खर्च, चालकों का वेतन, कर्मचारी मद, बिजली का खर्च, टेलीफोन खर्च, सुरक्षा गार्ड के नाम पर होने वाले खर्चे शामिल हैं। पत्र में कुल 130334160 रुपया का कुल खर्चा दिखाया गया है।
रलेक संस्था की ओर से आज कोर्ट में पेश दूसरे प्रार्थना पत्र के माध्यम से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को राज्य के बाहर खासकर दिल्ली में मिलने वाली वाहन सुविधा पर रोक लगाने की भी मांग की गयी। कोर्ट ने पूरे मामले को सुनने के बाद सभी मुख्यमंत्रियों को इस मामले में चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। साथ ही सरकार से भी विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है।
सं. नीरज
वार्ता
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