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चुनावों में हो मतपत्रों का इस्तेमाल : ममता

कोलकाता 03 जून (वार्ता) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने सोमवार को आरोप लगाया कि हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में धनबल ने लोकतंत्र को मजाक बना दिया इसलिए फिर से चुनावाें में मतपत्रों का इस्तेमाल होना चाहिए।
लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन पर विचार विमर्श करने के लिए विधायकों के साथ बैठक करने के बाद सुश्री बनर्जी ने यहां राज्य सचिवालय नाबन्ना में संवाददाताओं से कहा,“लोकतंत्र को धन बल ने मजाक बना दिया है। चुनाव जीतने के लिए बाहुबल, सरकार और संस्थागत शक्तियों के साथ धन का भरपूर दुरुपयोग किया गया। लेकिन तमाम बाधाओं के बावजूद चुनाव के दौरान हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बहादुरी से काम किया है।”
तृणमूल प्रमुख ने कहा,“वाम मोर्चे के कारण भारतीय जनता पार्टी राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से केवल 18 सीटें ही जीत पायी। भाजपा केवल 18 सीटें पर सफल रही जबकि यह 23 सीटें जीतने का दावा कर रही थीं। लेकिन फिर भी हम चार फीसदी वोट बढ़ाने में कामयाब रहे हैं।”
ईवीएम के बारे में विवरण का पता लगाने के लिए कि एक तथ्य-खोज समिति का गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए चुनाव में मतपत्र व्यवस्था को वापस लाना होगा।
सुश्री बनर्जी आम चुनाव में पार्टी की हार के कारणों का पता लगाने एवं उसकी समीक्षा के लिए पहले ही वरिष्ठ नेतृत्व के साथ दो बैठकें कर चुकी हैं। पहली बैठक 25 मई को दूसरी 31 मई को हुई जिसमें विकास वाले इलाकों के साथ विभिन्न इलाकों में पार्टी के खराब प्रदर्शन की समीक्षा की गयी।
लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद सुश्री बनर्जी ने 25 मई को अपने कालीघाट स्थित आवास पर पहली ही बैठक में उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ने की पेशकश की। उन्होंने भाजपा और चुनाव आयोग के खिलाफ कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि आदर्श आचार संहिता की बाधाओं के कारण वह अपना कर्तव्य नहीं निभा सकतीं।

सुश्री बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए सांप्रदायिक कार्ड खेला और ईवीएम को अपने हिसाब से प्रोग्राम किया। भाजपा सांप्रदायिक कॉर्ड खेला और जीता, हम वह कार्ड नहीं खेले और हार गये, लेकिन विजेता विजेता है। केंद्रीय बलों ने हमारे खिलाफ काम किया। आपातकाल जैसी स्थिति बनी। हिंदू-मुस्लिम में विभाजन हो गया और वोट बंट गए। हमने चुनाव आयोग से शिकायत की लेकिन कुछ भी नहीं हुआ।”
भाजपा पर ‘भारी धनराशि खर्च करने’ का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “यह घोटाला है। उन्होंने सरकारी अधिकारियों का इस्तेमाल पैसे बांटने के लिए किया। उन्होंने हवाई अड्डे पर तैनात पुलिस अधिकारियों को केवल इसलिए हटा दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि धन बिना किसी बाधा के आए। चुनाव आयोग, मीडिया, न्यायपालिका,
सभी भाजपा के नियंत्रण में हैं। भाजपा ने चुनाव आयोग का इस कदर इस्तेमाल किया कि अब वह भाजपा का हिस्सा चुका है।”
तृणमूल की 31 मई को हुई दूसरी बैठक में, सुश्री बनर्जी ने पार्टी नेताओं से मुलाकात की तथा आरएसएस के बढ़ते कदम को रोकने के लिए राज्य में सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों को शुरू करने एवं उन्हें लागू करने पर जोर दिया। पार्टी की ओर से नवगठित ‘जय हिंद ब्रिगेड’ के लिए कई नेताओं को अलग-अलग काम भी सौंपे गये।

सुश्री बनर्जी के भतीजे एवं डायमंड हार्बर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अभिषेक बनर्जी को इस ब्रिगेड का गठन करने की जिम्मेदारी दी गई है जबकि बारासात से पार्टी की सांसद काकोली घोष दस्तीदार को महिला ब्रिगेड ‘बंग जननी ब्रिगेड’ की देखरेख का जिम्मा दिया गया है।
इन नेताओं के अलावा, सुश्री बनर्जी के भाई कार्तिक बनर्जी, राज्य मंत्री इंद्रनील सेन और ब्रत्य बसु को भी ब्रिगेड का नेतृत्व करने के लिए कमान सौंपी गई थी।
सुश्री बनर्जी ने 28 मई को मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की, जिसके बाद कई मंत्रियों के विभागों में बदलावों की घोषणा की।
संजय, नीरज
वार्ता
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