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जूनियर डॉक्टरों ने भी नबन्ना में बैठक आयोजित किए जाने के मुख्यमंत्री के अनुरोध को मान लिया था । लेकिन पहले उन्होंने पहले अस्वीकार कर दिया था।
सुश्री बनर्जी ने बैठक के दौरान डीजीपी विरेंद्र और पुलिस आयुक्त अनुज शर्मा और सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में 10 जून को एनआरएस में दो जूनियर डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट की निंदा करते हुए आश्वासन दिया कि उनकी सरकार डॉक्टरों के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं करेगी।
गौरतलब है कि कोलकाता के एनआरएस अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से 75 वर्षीय एक रोगी की मौत हो जाने के बाद लोगों के एक समूह ने दो जूनियर डॉक्टरों के साथ मारपीट की थी जिसके बाद डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से राज्य में सात दिनों (11 से 17 जून) तक स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रही।
सुश्री बनर्जी ने सरकारी अस्पतालों में शिकायत निवारण प्रकोष्ट की स्थापना करने जैसी डॉक्टरों की सभी मांगों और प्रस्तावों को मान लिया है। उन्होंने शहर के पुलिस आयुक्त अनुज शर्मा को शहर में सभी सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा की निगरानी के लिए एक नोडल पुलिस अधिकारी को तैनात करने का निर्देश दिया।
सुश्री बनर्जी ने डॉक्टरों की मांग पर सोमवार शाम पार्क सर्कस के न्यूरोसाइंस अस्पताल में डॉ प्ररिभा मुखर्जी से भी मुलाकात की। जिन दो डॉक्टरों के साथ मारपीट की गई थी उनमें परिभाहा मुखर्जी भी शामिल थे जिनके सिर में फ्रैक्चर हो गया था।
राज्य के सभी अस्पतालों में एक सप्ताह तक चले आंदोलन का असर पूरे देश में हुआ। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए), डाक्टर्स फोरम और देश के वरिष्ठ डॉक्टरों ने आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों काे अपना समर्थन दिया।
इस दौरान, करीब 1000 वरिष्ठ सरकारी डॉक्टरों ने भी अपनी सेवाएं छोड़ दी थी लेकिन सरकार अब उनके त्यागपत्र स्वीकार नहीं करेगी।
सुश्री बनर्जी ने कहा कि डॉक्टर समाज की संपत्ति हैं और हड़ताल करने के लिए उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सरकार रोगी पक्ष के साथ बीतचीत के लिए एक पीआरओ(जनसंपर्क अधिकारी) की नियुक्ति करेगी।
इस बीच, डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि इस सब चीजों ने लोगों की सेवा करने के उनके पेशेवर कर्तव्य को प्रभावित किया। एक डॉक्टर ने मुख्यमंत्री से कहा, “राजनेता भी हमें ऐसा करने के लिए मजबूर कर देते हैं जिससे हमारी सेवाएं प्रभावित होती है।”
सुश्री बनर्जी ने कहा कि उन्होंने हड़ताली डॉक्टरों के सुझावों के आधार पर सभी विभागों में सभी निर्देश दे दिये हैं।
डॉक्टरों ने आरोप लगाया है कि एनआरएस अस्पताल में डॉक्टरों पर हमला पूर्वनियोजित योजना थी और पुलिस ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।
प्रियंका जितेन्द्र
वार्ता
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