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कैंसर निवारण ​ओपीडी क्लिनिक गुरुवार को

ऋषिकेश 30 जुलाई (वार्ता) अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में गुरुवार को कैंसर निवारण साप्ताहिक ​ओपीडी क्लिनिक होगा।
संस्थान में जुलाई प्रथम सप्ताह से शुरू हुई प्रारंभिक कैंसर परीक्षण ओपीडी में रोगियों के परीक्षण व परामर्श के लिए विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ चिकित्सकों को तैनात किया गया है। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि वर्तमान समय में कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके मद्देनजर संस्थान में प्रेवेंटिव ओंकोलॉजी क्लिनिक चार जुलाई से प्रत्येक सप्ताह गुरुवार को दोपहर दो से चार बजे तक नियमितरूप से संचालित की जा रही है। जिससे मरीजों में कैंसर की बीमारी को शुरुआती अवस्था में ही पहचान कर उपचार किया जा सके।
डा. कांत ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के वार्निंग सिग्नल के मद्देनजर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की ओर से लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कैंसर निवारण साप्ताहिक ​ओपीडी क्लिनिक शुरू कर दी गई है, जो कि नार्थ ​इंडिया में एम्स दिल्ली के बाद ऋषिकेश एम्स में ही संचालित की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस क्लिनिक के जरिए हम मरीजों की जांच कर कैंसर को शुरुआती अवस्था अथवा कैंसर बनने से पहले पकड़ सकते हैं, जिसका शत-प्रतिशत उपचार संभव है। उन्होंने बताया कि संस्थान द्वारा उपलब्ध कराई गई इस सुविधा का लाभ तभी संभव है, जब अधिकाधिक लोग इस बीमारी के प्रति जागरुक हों और अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें।
उन्होंने बताया कि प्रेवेंटिव ओंकोलॉजी क्लिनिक में मुहं के कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, गर्भाशय के कैंसर आदि की जांच की समुचित सुविधा उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने बताया कि संस्थान में इसके साथ ही तंबाकू निवारण क्लिनिक भी संचालित की जा रही है। उन्होंने बताया कि रेडियो ओंकोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मनोज गुप्ता की देखरेख में संचालित इस साप्ताहिक ओपीडी क्लिनिक में मेडिकल ओंकोलॉजी विभाग, विकिरण चिकित्सा, मनोरोग, महिला रोग और शल्य चिकित्सा विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों को भी मरीजों की जांच और उपचार के लिए उपलब्ध रहेंगे।
एम्स निदेशक ने बताया कि मुहं में लंबे समय से छाला जो कि ठीक नहीं हो रहा हो, आवाज में परिवर्तन, खाना निगलने में रुकावट, लंबे समय से खांसी जो कि उपचार के बाद भी ठीक नहीं हो रही हो, खांसी के साथ बलगम में खून आना, योनी मार्ग से असामान्य रक्त प्रवाह, पेशाब में खून आना, स्तन में गांठ होना आदि ऐसा कोई भी लक्षण कैंसर हो सकता है, लिहाजा ऐसा कोई भी लक्षण पाए जाने पर रोगी को तत्काल संस्थान की ओपीडी में चिकित्सकों से जांच और परामर्श लेना चाहिए।
सं.संजय
वार्ता
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