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आपदा की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों के युवाओं को प्रशिक्षित करें: त्रिवेन्द्र

देहरादून 01 अक्टूबर (वार्ता) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को राज्य में आपदा की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों के लोगों, विशेषकर युवाओं को आपदा प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित करने के निर्देश दिये।
सचिवालय में आज आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में श्री त्रिवेन्द्र ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह प्रशिक्षण नियमित अन्तराल में दिया जाय। बचाव के समय को और कम कैसे किया जा सकता है, इसके लिए प्रयास किये जाय। उन्होंने कहा कि आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील स्थानों पर वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था की जाय। यह भी सुनिश्चित किया जाय कि जो नयी सड़कें बन रही हैं, उनमें रोड कटिंग सही तरीके से हो। उन्होंने कहा कि आपदा से सबंधित विशेषज्ञों एवं राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरफ) के माध्यम से महिला एवं युवक मंगल दलों को प्रशिक्षित किया जाय। भूकम्प की दृष्टि से सुरक्षित भवन निर्माण के लिए कैसी भवन शैली उपयुक्त हो, इसका भी अध्ययन किया जाय।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि इस मानसून सत्र में कुल कितनी वित्तीय क्षति हुई है, सभी विभाग इसका आकलन कर आपदा प्रबंधन को 05 अक्टूबर तक उपलब्ध करायें, ताकि आपदा से हुई वित्तीय क्षति आकलन कर समय पर भारत सरकार को भेजा जा सके। स्कूलों में बच्चों को आपदा से निपटने के लिए सामान्य जानकारी हो तथा बच्चे छात्र जीवन से ही आपदा के प्रति जागरूक हों, इसके लिए स्कूलों के अध्यापकों को भी आपदा से निपटने के लिए प्रशिक्षण दिया जाय, ताकि वे बच्चों को इसके लिए जागरूक कर सकें।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (आपदा प्रबन्धन विभाग) राज्य सरकार को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट (पीएमआई) द्वारा मध्यम लागत परियोजनाओं में ‘प्रोजेक्ट आफ द ईयर’ का विजेता घोषित किये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने पी.एम.आई. की 50वीं स्थापना वर्ष के सम्बन्ध में 20-21 सितम्बर को हैदरबाद में आयोजित समारोह में उत्तराखण्ड को यह पुरस्कार दिये जाने पर सम्बन्धित अधिकारी को बधाई भी दी।
बैठक में उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा बताया गया कि मौसम से सम्बन्धित सटीक जानकारियों के लिए इस वित्तीय वर्ष के अन्त तक मुक्तेश्वर एवं सुरकण्डा देवी में डॉप्लर राडार लगा दिए जाएगे। लैंसडाउन में तीसरे डॉप्लर रडार की स्थापना के लिए मौसम विभाग द्वारा सर्वेक्षण किया जा रहा है। अभी तक 7766 महिला मंगल दलों एवं 5968 युवा मंगल दलों प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत और बचाव कार्यों का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
मौसम सम्बन्धित पूर्वानुमानों को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से भारत मौसम विज्ञान विभाग के सहयोग से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में 107 स्वचालित मौसम स्टेशन, 28 स्वचालित वर्षा मापी, 16 स्वचालित बर्फ मापी एवं 25 सतही मौसम वेधशालाओं की स्थापना की गयी है। राज्य में स्थापित किये गये भूकम्प पूर्व चेतावनी तंत्र से प्राप्त चेतावनियों को प्रसारित किये जाने से पूर्व जन मानस को इस सम्बन्ध में जागरूक करने के लिए चेतावनियों को साईरनों के माध्यम प्रसारित किये जाने की व्यवस्था की जा रही है तथा वर्तमान तक राज्य एवं जनपद आपातकालीन परिचालन केन्द्रों के अतिरिक्त हल्द्धानी तथा देहरादून के शहरी क्षेत्र में 68 साईरनों की स्थापना की जा चुकी है। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.) रूड़की के द्वारा भूकम्प की चेतावनी दिये जाने हेतु तैयार किये गये मोबाईल एप्लीकेशन का वर्तमान में परीक्षण किया जा रहा है। वैकल्पिक संचार व्यवस्था हेतु तहसील स्तर तक 184 सेटेलाइट फोन उपलब्ध हैं।
बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, यशपाल आर्य, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, मुख्य वन संरक्षक जयराज, पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी आदि उपस्थित रहे।
सं. उप्रेती
वार्ता
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