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उमेश कट्टि ने स्वयं को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया

बेलगावी 18 अक्टूबर (वार्ता) कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं हुक्केरी के विधायक ने बागी रूख अख्तियार करते हुए शुक्रवार को स्वयं को राज्य के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया।
श्री कट्टि ने हुक्केरी में संवाददाताओं से कहा,“ मैं राज्य के मुख्यमंत्री पद का दावेदार हूं। मुझे उपमुख्यमंत्री का पद पसंद नहीं है। यह केवल नाम मात्र का पद है। मैं एक दिन कर्नाटक अथवा पृथक उत्तर कर्नाटक राज्य का मुख्यमंत्री बनूंगा।”
मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा की ओर से महाराष्ट्र के सांगली और जाथ तालुक के लिए पानी छोड़े जाने संबंधी दिये गये आश्वासन की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, “ चुनाव के दौरान कोई बयान देना आसान है , लेकिन यह ध्यान में रखना चाहिए कि कर्नाटक , विशेषकर यहां के सीमावर्ती इलाकों में पेयजल की समस्या से जूझ रहे लोगों को महाराष्ट्र पानी नहीं देता।”
उन्होंने कहा, “ चुनावी जुमलों के लिए ऐसे बयान देना उचित नहीं है। मैं महाराष्ट्र को पानी दिए जाने के खिलाफ नहीं हूं , लेकिन इससे पहले स्थानीय स्तर पर पानी संबंधी समस्याओं को सुलझाया जाना चाहिए।”
श्री कट्टि ने कहा, “ केंद्र और राज्य के भाजपा नेता लंबित महादायी जल विवाद मुद्दे को सुलझाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। केंद्र और राज्य दोनों को ही उत्तरी कर्नाटक के विकास पर ध्यान देना चाहिए और दक्षिणी कर्नाटक तथा राज्य के अन्य हिस्सों के बीच क्षेत्रीय असंतुलन को टालना चाहिए।” उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “ अगर केंद्र और राज्य उत्तरी कर्नाटक क्षेत्र का विकास करने में विफल रहते हैं तो मैं पृथक कर्नाटक राज्य के लिए संघर्ष करूंगा।”
उन्होंने केंद्र और राज्य की सरकारों से दशकों पुराने कलासा-बांदुरी-महादायी पेयजल के लंबित मुद्दे को सुलझाने के लिए कदम उठाना चाहिए। उन्होंने महाराष्ट्र , कर्नाटक और गोवा से महादायी नदी जल की साझेदारी के लिए कोई स्वीकार्य हल निकालने की अपील की।
सुवरना विधान सौध के बारे में उन्होंने कहा कि इमारत के निर्माण में 400 करोड़ रूपये खर्च किये गये हैं , लेकिन वर्तमान में यह उपयोग में नहीं लाया जा रहा है। इसके नियमित उपयोग के लिए राज्य विधानसभा का सत्र सुवरना विधान सौध में बुलाया जाना चाहिए।
राज्य के पूर्व मंत्री रहे एवं इस बार मंत्रिमंडल में जगह पाने से वंचित श्री कट्टि ने महाराष्ट्र और कर्नाटक का विभाजन करके नये राज्य के गठन की मांग की और कहा कि उत्तरी कर्नाटक क्षेत्र की जनता भी यही चाहती है। उन्होंने कहा कि उत्तरी कर्नाटक क्षेत्र के 13 और महाराष्ट्र के तीन जिलों को शामिल कर नया राज्य बनाया जा सकता है।
टंडन आशा
वार्ता
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