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दुष्कर्म के बाद नाबालिग की हत्या के मामले में दोषी की फांसी की सजा बरकार, एसची से नहीं मिली राहत

नैनीताल, 07 जनवरी (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने मंगलवार को देहरादून में एक मासूम बच्ची की बलात्कार के बाद हत्या के दोषी की फांसी की सजा को बरकरार रखा।
देहरादून में लगभग डेढ़ साल पहले जयप्रकाश नामक मजदूर ने 11 वर्षीय बालिका की बलात्कार के बाद हत्या कर दी थी। बालिका के संतप्रताप ने विकासनगर थाने में 28 जुलाई 2018 को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी थी। जांच में पता चला था कि जयप्रकाश तीन बालिकाओं को बुलाकर अपनी झोपड़ी में ले गया था। बाद में उसने दो बालिकाओं को पैसे का लालच देकर सामान लेने के लिये दुकान में भेज दिया और तीसरी बालिका से दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी।
उपमहाधिवक्ता वीके जैमिनी ने बताया कि दोषी ने बलात्कार के बाद शव को अपनी झोपड़ी में ही छिपा दिया था। पुलिस ने पोक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर दोषी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। निचली अदालत ने उसे पिछले साल 26 अगस्त, 2019 को दोषी साबित मानते हुए फांसी की सजा सुना दी थी। साथ ही 29 अगस्त 2019 को फांसी की सजा की सूचना उच्च न्यायालय को भेज दी थी।
श्री जैमिनी ने बताया कि इसके बाद मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति आलोक सिंह तथा न्यायमूर्ति रवीन्द्र मैठाणी की युगलपीठ में हुई। उन्होंने बताया कि सभी साक्ष्यों को देखते हुए आज उच्च न्यायालय ने भी निचली अदालत के फैसले पर मुहर लगा दी है।
सं. संतोष
वार्ता
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