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उत्तराखंड के उधमसिंहनगर जिले के 15 मुकदमें वापस

देहरादून 19 मार्च (वार्ता) उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने नवंबर 2018 से दिसम्बर 2019 तक 14 माह की अवधि में उधमसिंह नगर जिले के 15 अपराधिक मुकदमेें वापस ले लिये जिनमें सात मुकदमें केवल अरविन्द पांडेय के विरूद्ध हैं।
यह खुलासा सूचना अधिकार के तहत संयुक्त अभियोजन निदेशालय कार्यालय की ओर से उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ। काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने अभियोजन निदेशालय से उत्तराखंड सरकार की ओर से अपराधिक मुकदमेें वापस लेनेे के सम्बन्ध में सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में संयुक्त अभियोजन निदेशक कार्यालय केे लोक सूचनाधिकारी/सहायक अभियोजन अधिकारी उधमसिंह नगर ने नवम्बर 2018 से दिसम्बर 2019 तक शासन की ओर से वापस लिये गये मुकदमें की सूची उपलब्ध करायी हैै।
श्री नदीम को उपलब्ध सूची के अनुसार इसमें सर्वाधिक सात मुकदमें अरविन्द के विरूद्ध दर्ज है जबकि 1-1 मुकदमा ओमवीर सिंह, कन्हैय्या लाल, बलविन्दर सिंह, रवीन्द्र बजाज, नरेश कुमार, भारत भूषण आदि तथा नरेन्द्र मानस के विरूद्ध है।
इनमें चार मुकदमें ऐसे भी हैै जिनमें अरविन्द के साथ अन्य व्यक्तियोें के नाम शामिल है जिन्हें अरविन्द आदि केे विरूद्ध दर्शाया गया है। अरविन्द तथा अरविन्द आदि के विरूद्ध शासन द्वारा वापस लेनेे का आदेश किये गये मुकदमों में जसपुर थानेे का मुकदमा 139/2012, बाजपुर का 238/2013, 21/2015, 158/2014, 294/2011 रूद्रपुर का 139/2008 तथा गदरपुर थाने का 152/2015 मामला शामिल है।
इसकेे अतिरिक्त धारा 109 (अपराध को उकसाना), 153 (बलवे को उकसाना) 171च(चुनाव में अवैैध प्रभाव डालना), 186(लोक सेवक के कार्योें में बाधा डालना) 295ए (धार्मिक भावनाओं का अपमान), 307(हत्या का प्रयास), 325 (गंभीर चोट) 336(मानव जीवन को खतरनाक कार्य), 393 (लूट का प्र्रयास), 395 (डकैैती), 412 (डकैती की सम्पत्ति को प्राप्त करना), 436 (घर आदि मेें आग लगाना) तथा 511 (अपराध का प्रयास करना) के एक-एक अपराध शामिल हैै। इन अपराधोें में एस.सी.एस.टी. एक्ट के दो तथा सात सी एल एक्ट के आठ अपराध भी शामिल हैं।
सं.संजय
वार्ता
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