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कांग्रेस का प्राथमिकी मामले में धरना बौखलाहट का नतीजा : अजेंद्र

देहरादून, 24 मई (वार्ता) कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ कर्नाटक में प्राथमिकी (एफआईआर) के विरोध में रविवार को कांग्रेस के धरना प्रदर्शन को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तराखंड इकाई ने आरोप लगाया कि प्रतिशोध की राजनीति करने में कांग्रेस का काला इतिहास रहा है।
प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी अजेंद्र अजय ने कहा कि एक तरफ पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना महामारी के विरुद्ध निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है। उनके प्रयासों की विश्व भर में सराहना हो रही है। कांग्रेसी नेताओं को यह बात हजम नहीं हो रही है। लिहाजा, वह किसी ने किसी बहाने देश- प्रदेश में अराजकता फैलाने के दुष्प्रयासों में लगे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को पीएम केयर फंड को लेकर सवाल उठाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। आजादी के बाद से कांग्रेस देश एवं प्रदेशों में निरंतर सत्ता में रही है। कांग्रेसी शासन लूट-खसोट के लिए कुख्यात रहा है। उन्होंने कहा कि पीएम केयर फंड का हिसाब पूछने से पहले कांग्रेस को अपनी सरकारों के समय में हुई लूट- खसोट का हिसाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्री मोदी का मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्रित्व तक का कार्यकाल लोकप्रिय एवं यशस्वी जननायक के तौर पर रहा है और उनका दामन पूरी तरह पाक-साफ रहा है। इसके विपरित कांग्रेस का शाही राजघराना भ्रष्टाचार के तमाम आरोपों से घिरा हुआ है और कई मामले अदालतों में चल रहे हैं।
प्रदेश मीडिया प्रभारी ने कहा कि श्रीमती गांधी के विरुद्ध दर्ज मामले को लेकर धरने में बैठने से पहले कांग्रेसी नेताओं को अपना इतिहास देख लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जब भी सत्ता में रही है उसने विपक्ष की आवाज को हमेशा दबाया है। कांग्रेस की उत्पीड़नात्मक मानसिकता के चलते देश के इतिहास में आपातकाल जैसा काला धब्बा लगा है। उन्होंने कहा कि आपातकाल में लाखों की संख्या में विपक्षी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को जेलों में भरा गया था। उनको अनेक प्रकार की शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी गई थी।
सं. उप्रेती
वार्ता
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