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प्रवासी एवं उद्यमशील उत्तराखण्डवासियों के लिए स्व-रोजगार योजना शुरू

देहरादून 28 मई (वार्ता) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरुवार को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का शुभारम्भ करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि इस योजना की जानकारी गांव-गांव तक पहुंचाई जाय ताकि युवा इस योजना का लाभ उठा सकें।
श्री रावत ने बताया कि यह स्व-रोजगार योजना, राज्य के उद्यमशील युवाओं और कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के कारण लौटे प्रवासियों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई है। उन्हाेंने जन प्रतिनिधियों एवं जिला स्तरीय अधिकारियों के माध्यम से योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाय। इस योजना के तहत लाभार्थियों को ऋण लेने में कोई समस्या न हो इसके लिए जिलाधिकारी, बैंकर्स से समन्वय करें।
उन्होंने कहा इससे कुशल और अकुशल दस्तकार, हस्तशिल्पि और बेरोजगार युवा खुद के व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित होंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयकृत बैंकों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों के माध्यम से ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। राज्य सरकार द्वारा पलायन रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों में यह योजना महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इसके अंतर्गत, बैकों के माध्यम से सभी पात्र विनिर्माणक, सेवा और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए वित्त पोषित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि विनिर्माण क्षेत्र में परियेाजना की अधिकतम लागत 25 लाख रुपये और सेवा एवं व्यवसाय क्षेत्र के लिए अधिकतम लागत 10 लाख रुपये होगी। उन्होंने बताया कि योजना के अन्तर्गत, आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। शैक्षिक योग्यता की बाध्यता नहीं है। योजना के अन्तर्गत उद्योग, सेवा एवं व्यवसाय क्षेत्र में वित्त पोषण सुविधा उपलब्ध होगी। आवेदक अथवा उसके परिवार के सदस्य को योजना के तहत केवल एक बार लाभान्वित किया जायेगा। लाभार्थियों का चयन अधिक आवेदन प्राप्त होने पर परियोजना व्यवहार्यता को देखते हुए ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर किया जायेगा। उन्होंने बताया कि आवेदक, महाप्रबंधक एवं जिला उद्योग केन्द्रों में आॅनलाईन एवं अन्य तरीके से आवेदन कर सकते हैं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट, आईटी सलाहकार रवीन्द्र दत्त, निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल आदि उपस्थित थे।
सं. उप्रेती
वार्ता
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