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कावड़ मेले पर प्रतिबंध को सक्ती से किया जाएगा लागू

हरिद्वार 01 जुलाई (वार्ता) धर्मनगरी हरिद्वार में इस बार बोल बम के जयकारे के साथ ही कांवड़ की धूम देखने को
नहीं मिलेगी। कोरोना को देखते हुए इस बार उत्तराखंड सरकार ने पडोसी राज्यों के साथ समन्वय कर कांवड़ यात्रा को स्थगित करने का फैसला लिया है।
सरकार के फैसले का सही से अनुपालन कराने के लिए आज हरिद्वार में महत्वपूर्ण बैठक की गई जिसमें हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर , हरिद्वार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) समेत उत्तर प्रदेश और हरियाणा के जिलाधिकारी और एसएसपी मौजूद रहे।
बैठक में सहारनपुर , मुजफ्फरनगर , बिजनौर , यमुनानगर समेत पाँच जिलों के जिलाधिकारी , एसएसपी मौजूद रहे। इस दौरान सभी अधिकारियों ने काँवड़ में हरिद्वार आने वाले कांवड़ियों को रोकने के लिए बनायी गई योजना पर अपने
अपने सुझाव दिए और यात्रा शुरू होने के बाद आपस में समन्वय बनाये रखने पर जोर दिया। इस दौरान निर्णय लिए गया कि किसी भी रूप में अन्य प्रदेशों से कांवड़ियों को हरिद्वार में प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा यदि कोई कांवड़िया ट्रेन या अन्य किसी माध्यम से हरिद्वार आएगा तो उसे 14 के लिए क्वारंटीन किया जायेगा। इतना ही नहीं क्वारंटीन के दौरान उस पर होने वाले खर्च को भी उसी से वसूला जायेगा।
हरिद्वार में कांवड़ियों पर प्रतिबन्ध के साथ ही काँवड़ से सम्बंधित केन, कपडे आदि कोई भी सामना बेचने पर भी पाबन्दी रहेगी। यदि कोई भी दुकानदार इस तरह के सामान बेचते पाया जायेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लाने की बात जिलाधिकारी ने कही है। वहीं जिलाधिकारी ने कहा कि हरिद्वार के आसपास के गाँव कस्बों से आने वाले लोगों को भी जल लेने पर प्रतिबंध रहेगा इसके लिए उन्होंने ग्राम पंचायत स्तर पर अपील की जाएगी और नियमों के उल्लंघन पर कार्यवाही की जाएगी।
वहीं निकटवर्ती राज्यों से आये अधिकारियों ने भी सरकार के आदेश का पूर्णतया पालन और हरिद्वार जिला प्रशासन के
साथ समन्वय और सहयोग की बात कही है। मुजफ्फरनगर के एसएसपी अखिलेश यादव ने कहा कि उनका प्रयास है कि कोरोना से जनता की जान की रक्षा करना उनका दायित्व है। लोगों को हरिद्वार आने से रोकने के लिए उन्हें समझाने के
साथ ही अपील भी करेंगे और उत्तर प्रदेश के सभी जिले इस काम में लगे हुए है।
पूरे विश्व में फैली कोरोना महामारी ने उत्तर भारत की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा को भी अपनी चपेट में ले लिया है। शासन और प्रशासन ने भी लोगों को जान बचाने के लिए ही इस बार होने वाली काँवड़ यात्रा कोस्थगित करने का निर्णय लिया है।
सं. उप्रेती
वार्ता
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