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तेलंगाना में कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने पर भी परिजनों का घर ले जाने से इंकार

हैदराबाद 05 जुलाई (वार्ता) तेलंगाना में कोरोना वायरस (कोविड-19) की दहशत लोगों में इस कदर हावी हो गयी है कि कोरोना से संक्रमित 30 से अधिक मरीजों के स्वस्थ होने पर भी उनके परिवार वालों ने उन्हें घर वापस ले जाने से इन्कार कर दिया है।
परिजनों के इंकार के बाद अस्पताल अधिकारियों को उन्हें मजबूरन फिर से अस्पताल में भर्ती करना पड़ा है। वर्तमान में इनमें से अधिकांश मरीजों को राजकीय गांधी अस्पताल में रखा गया है, जबकि कुछ को नेचर क्योर अस्पताल भेजा गया है।
गांधी अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार इन सभी मरीजों का पिछले 10 से 15 दिनों तक उपचार किया गया था।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजा राव ने कहा ये सभी मरीज स्वस्थ्य हैं और अब कोरोना के कोई लक्षण नहीं हैं। हमने इन सभी को अस्पताल से छुट्टी दे दी और होम क्वारंटीन में रहने को कहा। लेकिन उनके परिवार के सदस्यों ने उन्हें घर में वापस रखने से इन्कार कर दिया।
डॉ. राव ने कहा कि गांधी अस्पताल एक विशेष कोविड उपचार सुविधा वाला अस्पताल है, हम इन में से कुछ को नेचर क्योर अस्पताल या आयुर्वेदिक अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा है जब तक उनके परिवार वाले उन्हें घर में रखने के लिए तैयार नहीं हो जाते। मरीजों के परिवार वालों को विश्वास दिलाना होगा कि उनके मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो गये है और सभी मेडिकल तौर पर फिट हैं।
उन्हाेंने बताया कि हैदराबाद में खैराताबाद की एक 58 वर्षीय महिला जिसे 14 जून को कोरोना संक्रमित पाया गया था उसका गांधी अस्पताल में उपचार किया गया और स्वस्थ्य होने के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी। वह चार घंटे तक इंतजार करती रही लेकिन उसके परिवार के सदस्य उसे घर ले जाने के लिए नहीं आए। आखिरकार अस्पताल के अधिकारियों को उसे फिर से अस्पताल में भर्ती करना पड़ा और उसे आइसोलेशन वार्ड में रखा गया।
अस्पताल के नोडल अधिकारी डॉ. प्रभाकर रेड्डी ने कहा,“जब मैंने मरीज के परिवार के सदस्यों से बात कि तो उनमें से एक सदस्य ने आशंका जाहिर की कि वास्तव में उनका मरीज ठीक हो गया। जब मैंने उनको फिर से बताया कि उनके मरीज की परीक्षण रिपोर्ट निगेटिव आयी है। तो मरीज के परिवार के सदस्य ने कहा वह पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकती और उसने फोन काट दिया। उन्होंने तब से अभी तक कोई जवाब नहीं दिया। आखिरकार हमने मरीज को फिर से भर्ती कर लिया।”
उन्होंने कहा कि केवल महिला का ही ऐसा मामला नहीं है बल्कि 30 से अधिक मरीज गांधी अस्पताल में हैं जिन्हें उनके परिजनों ने फिर से वापस घर ले जाने से इंकार कर दिया है।
उप्रेती.संजय
वार्ता
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