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तेंदुए के आतंक के बाद वन विभाग ने अल्मोड़ा में रेड अलर्ट घोषित किया

नैनीताल 09 जुलाई (वार्ता) उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में आदमखोर तेंदुए ने तीन दिन के अंदर दो लोगों को अपना शिकार बनाने के बाद वन विभाग हरकत में आयी और विभाग ने भैंसियाछाना ब्लाक में रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है तथा लोगों को अनावश्यक घरों से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी गयी है।
वन विभाग ने तेंदुए को आदमखोर घोषित कर उसे जिंदा या मुर्दा पकड़ने के प्रयास तेज कर दिये गये हैं।
अल्मोड़ा के भैंसियाछाना ब्लाक इन दिनों तेंदुए के आतंक का पर्याय बना हुआ है। तेंदुए ने यहां तीन दिन में दो लोगों को अपना शिकार बना दिया है। तेंदुए ने सोमवार को उडल गांव में एक डेढ़ साल के बच्चे हर्ष को दिनदहाड़े घर के आंगन से उठा लिया था और उसे अपना निवाला बना लिया। इस घटना के समय बच्चे की मां भी आंगन में मौजूद थी। बच्चे का क्षत-विक्षत शव घर से कुछ दूरी पर मिला था।
इसके दो दिन बाद आठ जुलाई (बुधवार) को भी भैंसियाछाना ब्लाक के पेटशाल गांव में तेंदुए ने 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला आनंदी देवी को अपना शिकार बनाया। महिला दो दिन से घर से गायब थी और जब उसकी ढूंढखोज की गयी तो घर के पास एक खेत में महिला का शव बरामद हुआ। इस घटना के बाद क्षेत्र में मातम के साथ-साथ आक्रोश व्याप्त हो गया था।
इन दो घटनाओं के बाद वन विभाग हरकत में आया और मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक की ओर से तेंदुए को आमदखोर घोषित कर दिया गया।
अल्मोड़ा के प्रभागीय वनाधिकारी महातिम यादव ने बताया कि लगातार दो घटनाओं के प्रकाश में आने के बाद वन विभाग की ओर क्षेत्र में रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है। लोगों को एहतियात बरतने को कहा गया है। लोगों से अनावश्यक घरों से बाहर नहीं निकलने के निर्देश दिये गये हैं और झुंड में घर से बाहर जाने को कहा गया है। साथ ही अपने साथ डंडे एवं अन्य हथियार साथ में ले जाने को कहा गया है।
उन्होंने कहा कि तेंदुए को पकड़ने के लिये इसके अलावा क्षेत्र में तीन पिंजरे लगाये गये हैं। हरीश धामी एवं सैफी आसिफ नामक वन विभाग के पंजीकृत दो शूटरों को उनकी टीम के साथ तैनात किया गया है। वन विभाग के 25 तेजतर्रार कर्मियों को पूरे क्षेत्र की निगरानी का जिम्मा दिया गया है। टीम को हथियार उपलब्ध कराये गये हैं। पुलिस एवं राजस्व विभाग का भी साथ वन विभाग को मिल रहा है।
श्री यादव ने आगे कहा कि तेंदुए को पकड़ने के लिये बरसात का मौसम चुनौती बना हुआ है लेकिन तेंदुए पर नजर रखने के लिये पूरे क्षेत्र में कैमरा ट्रैप भी लगाये गये हैं जिससे कि तेंदुए की जानकारी मिलती रहे और उसे जिंदा या मुर्दा पकड़ा जा सके।
रवीन्द्र, उप्रेती
वार्ता
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