राज्य » अन्य राज्यPosted at: Jul 12 2020 5:31PM बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में लखनऊ से दो और गिरफ्तारीनैनीताल, 12 जुलाई (वार्ता) उत्तराखंड के बहुचर्चित अनुसूचित जाति जनजाति छात्रवृत्ति घोटाले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ से दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अल्मोड़ा पुलिस की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार शनिवार को दोनों आरोपियों को लखनऊ स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया है। एसआईटी की टीम रविवार को दोनों को लेकर अल्मोड़ा पहुंची है। इसी साल 10 जनवरी को समाज कल्याण महकमे की ओर से अल्मोड़ा के रानीखेत में छात्रवृत्ति घोटोले को लेकर उप्र के मोनार्ड यूनिवर्सिटी एवं अन्य बिचैलियों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत किया गया था। भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 409, 420, 467, 468, 471 व 120 बी के तहत अभियोग पंजीकृत कर मामला एसआईटी को जांच के लिये सौंप दिया गया। वरिष्ठ उपनिरीक्षक बसंती आर्य की ओर से जांच के उपरांत एसआईटी टीम ने आरोपी पूर्व समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार सक्सेना पुत्र प्रेम नारायण सक्सेना निवासी विकासनगर अलीगंज, सेक्टर-3, लखनऊ एवं इंडियन ओवरसीज बैंक के सहायक प्रबंधक जैन अब्बास पुत्र कमर अब्बास निवासी फूलबाग कालोनी, कुर्सी रोड, थाना-कुडम्बा, लखनऊ को लखनऊ से उनके घर से गिरफ्तार कर लिया। इसी मामले में एसआईटी की ओर से एक गिरफ्तारी पहले भी की जा चुकी है। विगत दो मई को एसआईटी की ओर से उप्र के हापुड़ से अनुज गुप्ता नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी अनुज गुप्ता मोनार्ड यूनिवर्सिटी का कर्मचारी रहा है। गिरफ्तार आरोपियों पर आराधिक षड्यंत्र के साथ साथ कूटरचित दस्तावेज के बल पर अनुसूचित जाति जनजाति के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति की 14,23,080 रुपये गमन करने का आरोप है। उल्लेखनीय है कि 500 से 600 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटोले की उत्तराखंड उच्च न्यायालय की निगरानी में जांच की जा रही है। देहारादून और हरिद्वार जनपदों की जांच टीएस मंजूनाथ की अगुवाई वाली एसआईटी को सौंपी गयी है जबकि शेष अन्य जनपदों की जांच पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल की अगुवाई में गठित एसआईटी द्वारा की जा रही है।रवीन्द्र उप्रेतीवार्ता