राज्य » अन्य राज्यPosted at: Oct 15 2020 5:34PM पूर्व मुख्यमंत्री आवास मामला: अपर सचिव को कारण बताओ नोटिस जारीनैनीताल, 15 अक्टूबर (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्रियों केे आवास एवं अन्य सुविधा मामले में दायर अवमानना प्रकरण में उत्तराखंड शासन में अपर सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी को कारण बताओ नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिये गये हैं। दीपेन्द्र कुमार चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के मामले में आवास एवं अन्य सुविधाओं की धनराशि का आगणन किया है। जो कि अदालत के आदेश की अवहेलना है। याचिकाकर्ता संस्था की ओर से कहा गया कि अदालत के आदेश के बावजूद अन्य किसी को भी बकाया राशि को कम करने का अधिकार नहीं है।इसके बाद अदालत ने स्वतः संज्ञान लेते हुए अपर सचिव को अवमानना के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिये हैं। साथ ही देहरादून के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को श्री चौधरी को नोटिस उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सौंपी है। इस मामले में ठीक एक सप्ताह बाद सुनवाई होगी।याचिकाकर्ता संस्था रूरल लिटिगेशन एवं एनटाइटलमेंट केन्द्र (रलेक) की ओर से अदालत को बताया गया कि श्री चौधरी की ओर से 10 सितम्बर 2020 को श्री निशंक को भेजे पत्र में समुचित किराये के रूप में 17207 रुपये जमा कराने को कहा गया है। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि पूर्व मुख्यमंत्री निशंक की ओर से अदालत को बताया गया कि उन्होंने अदालत के आदेश के अनुपालन में 1077709 रुपये की धनराशि शासन में जमा कर दी है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डा. कार्तिकेय हरि गुप्ता की ओर से इसका विरोध किया गया और कहा गया कि पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया है। अदालत ने श्री निशंक को 4164389 रुपये की धनराशि जमा करने के निर्देश दिये हैं जबकि याचिकाकर्ता की ओर से सिर्फ बिजली, पानी के बिल के अलावा 17207 रूपये की धनराशि किराये के रूप में जमा की गयी है। दूसरी ओर महाराष्ट्र के राज्यपाल एवं पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के खिलाफ अवमानना के मामले में उच्च न्यायालय में सुनवाई नहीं हो सकी। याचिका अपूर्ण होने के चलते आज इस पर सुनवाई नहीं हो सकी। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय की ओर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास एवं अन्य सुविधाओं के मामले में पिछले साल तीन मई 2019 को बाजार दर पर बकाया जमा करने के निर्देश दिये थे।रवीन्द्र, उप्रेतीवार्ता