राज्य » अन्य राज्यPosted at: Nov 23 2020 9:00PM आईजेयू ने की केरल पुलिस अधिनियम में संशोधन की निंदाहैदराबाद 23 नवंबर (वार्ता) इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन (आईजेयू) ने केरल वामपंथी सरकार के अनुचित अंकुश लगाने के लिए पुलिस अधिनियम में संशोधन करने और अध्यादेश लाने की कड़ी निंदा की है।यूनियन ने कहा कि संशोधित कानून लोगों को अपने मन की बात कहने के अधिकार से वंचित करने और पुलिस को अधिक शक्ति देने वाला कानून है।आईजेयू ने सोमवार को यहां एक बयान में जम्मू के अध्यक्ष और महासचिव श्री के श्रीनिवास रेड्डी और श्री बलविंदर सिंह ने केरल सरकार से संशोधन को वापस लेने की मांग की और इसे यह अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार के खिलाफ तथा विचारों के मुक्त प्रवाह को रोकने वाला बताया।उन्होंने कहा कि संशोधन कानून के अनुसार सोशल मीडिया के किसी भी माध्यम से अपमानजनक सामग्री पोस्ट करना उसका प्रकाशन या प्रसार करने के दोषी व्यक्ति को तीन साल की जेल की सजा और 10,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकती है।आईजेयू के नेताओं ने कहा कि हर मिनट ऑनलाइन होने वाले आपत्तिजनक हिस्सों को देखते हुए सोशल मीडिया और यहां तक कि उच्चतम न्यायालय द्वारा भी इस तरह के मामले को बंद करना वास्तव में वांछनीय है। लेकिन यह सरकार या पुलिस तय नहीं करती कि क्या अच्छा है और क्या बुरा है।इसको स्वतंत्र निकाय के माध्यम से होना नियंत्रित किया जाना चाहिए जिसका जनादेश सभी हितधारकों के साथ गहन परामर्श के बाद ही तय किया जाना है।उप्रेती.संजय वार्ता