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आत्मनिर्भरता पहले से ही है गांवों में : अनिल जोशी

देहरादून, 26 नवंबर (वार्ता) उत्तराखंड के देहरादून स्थित केंद्रीय वैज्ञानिक एवं औद्योगिक परिषद (सीएसआईआर) के भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आईआईपी) में भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2020 के परिचयात्मक सम्मेलन का वर्चुअल (आभासी) आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हिमालयन पर्यावरण अध्ययन तथा संरक्षण संगठन के अध्यक्ष पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने प्रधानमंत्री की सराहना करते हुए कहा कि आत्मनिर्भरता गांवों में पहले से पाई जाती है क्योंकि वे पहले से ही आत्मनिर्भर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गांव में कृषि इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। जिसके वे स्वयं उत्पादक भी थे और बीज रखने या देने वाले भी परंतु, अब जरिया बदल गए हैं।
उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि भावी भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में इन बिंदुओं पर चर्चाएं आयोजित होंगी तथा खाद्यान्न, जल तथा बेहतर पर्यावरण पर ध्यान दिया जाएगा।
श्री जोशी ने कहा कि इसके साथ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की सहायता से हरित पर्यावरण के विकास पर भी चर्चा की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड वैश्विक महामारी के दौरान पूर्णबन्दी के कारण हमारी अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। परंतु दूसरी और हम स्वच्छ गगन, स्वच्छ जल तथा बेहतर पर्यावरण भी देख पा रहे हैं।
निदेशक सीएसआईआर डाॅ. अंजन रे ने ग्रामीण विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान संबंधी जानकारी भी दी ।
कार्यक्रम समारोह समिति अध्यक्ष डाॅ. दिनेश चन्द्र पांडेय ने कहा कि वर्तमान वैश्विक महामारी के कारण तथा संबंधी आदेशों का पालन करते हुए भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2020 की आयोजन समिति ने निर्णय लिया है कि इस वर्ष यह कार्यक्रम वर्चुअल आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष के विज्ञान महोत्सव का विषय आप निर्धारित कथा विश्व कल्याण के लिए विज्ञान है।
डॉ. मनोज श्रीवास्तव, प्रधान समन्वयक औद्योगिक शैक्षिक कांक्लेव ने भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2020 को छात्रों, अनुसंधानकर्ताओं, शिक्षकों और अन्वेषक को कलाकारों व्यवसायियों तथा आम जनता के लिए उपलब्ध होने वाला एक सबसे बड़ा मंच बताया। जिसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को विज्ञान की ओर प्रेरित करना भी है। उन्होंने कहा कि भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का आयोजन प्रत्येक वर्ष सीएसआईआर, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय तथा विज्ञान भारती के द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है। उन्होंने वर्ष 2015 से प्रारंभ इस महोत्सव के पूर्व कार्यक्रमों की कुछ झलकियां भी प्रस्तुत की।
अंत में डॉ ज्यति त्रिवेदी वरिष्ठ वैज्ञानिक द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।
सं. उप्रेती
वार्ता
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