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बिप्लब के खिलाफ भाजपा में आंतरिक विवाद चरम पर

अगरतला ,04 जनवरी (वार्ता) त्रिपुरा में मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव के खिलाफ सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में आंतरिक विवाद के बीच अनुसूचित जाति (एससी) के एक विक्षुब्ध विधायक आशीष दास ने अनुसूचित जाति और दलितों से जागृत होने का आह्वान किया है ताकि पिछड़े समुदायों के संवैधानिक अधिकारों को स्थापित किया जा सके।
श्री दास भाजपा के पहले विधायक हैं, जो ना केवल मुख्यमंत्री देव के खिलाफ खुलकर सामने आए बल्कि प्रतिशोध की राजनीति में शामिल होने, भ्रष्टाचार में लिप्त होने और वास्तविक भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को वंचित करने के लिए उनकी (श्री देव की) आलोचना की। मुख्यमंत्री के खिलाफ श्री दास के खुले बयान के तुरंत बाद, भाजपा के 18 विधायक और 10 वरिष्ठ नेता एक साथ आए और पार्टी के हित में श्री देव को हटाने की मांग की।
श्री दास ने रविवार को अपने फेसबुक लाइव में दलित और अनुसूचित जाति के लोगों से वर्तमान शासन के तहत उनके उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया। त्रिपुरा में 20 फीसदी से अधिक लोग एससी समुदाय के हैं, जबकि 60 में से 10 विधानसभा सीटें एससी के लिए आरक्षित हैं और अन्य 10 सीटों में एससी और दलित समुदाय वोट निर्णायक हैं, लेकिन श्री देब के मंत्रिमंडल में एससी का कोई प्रतिनिधि नहीं है।
श्री दास ने कहा,“10 में से आठ एससी विधायक अभी भाजपा से हैं, लेकिन दुर्भाग्य से सरकार के लगभग तीन साल बाद भी एससी विधायक में से किसी को भी कैबिनेट में स्थान नहीं मिला है और चार मंत्रियों के पद शुरू से अब तक खाली पड़े हैं। साथ ही, एससी और दलितों का विकास भी त्रिपुरा राज्य में बहुत नगण्य है।”
उन्होंने कहा कि ओबीसी और अल्पसंख्यकों का विकास भी कम से कम पाया गया है। अब समय आ गया है कि दलित और पिछड़े वर्ग अपने उत्पीड़न के खिलाफ एकजुट हों और संवैधानिक अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ें।
इस बीच भाजपा के एक और असंतुष्ट विधायक सुशांत चौधरी ने अपने विधानसभा क्षेत्र अगरतला के मजलिसपुर में रविवार को मोटरसाइकिल रैली निकाली। यह रैली हालांकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कैडरों को जागरूक बनाने के विरोध में आयोजित की गई थी।
उधर प्रदेश भाजपा और मंत्रिमंडल में असंतोष को रोकने के लिए, भाजपा के वरिष्ठ नेता और असंतुष्ट विधायक राम प्रसाद पॉल ने रविवार रात पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के साथ बैठक की और त्रिपुरा की राजनीतिक स्थिति पर विस्तृत चर्चा की।
रिपोर्ट के मुताबिक श्री पॉल को आश्वस्त किया गया कि पार्टी के पर्यवेक्षक विनोद सोनकर छह जनवरी को राज्य के दौरे पर आयेंगे ताकि राज्य में भाजपा को मजबूत करने के लिए उपचारात्मक उपायों पर चर्चा की जा सके।
संजय जितेन्द्र
वार्ता
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