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मुख्य सचिव, प्रमुख स्वास्थ्य सचिव, कुंभ मेलाधिकारी 13 जनवरी को अदालत में पेश हो

नैनीताल, 11 जनवरी (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने तीर्थनगरी हरिद्वार में 14 जनवरी से शुरू हो रहे कुंभ के मामले में अपने महत्वपूर्ण निर्णय में केन्द्र और राज्य सरकार को सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि वह कुंभ को लेकर विशेष दिशानिर्देश (एसओपी) जारी करें और 13 जनवरी से पहले इस संदर्भ में विस्तृत रिपोर्ट अदालत में पेश करे।
न्यायालय ने प्रदेश के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, कुंभ मेलाधिकारी एवं जिलाधिकारी हरिद्वार को भी निर्देश दिये हैं कि वह मंगलवार को कोरोना महामारी के परिपेक्ष्य में कुंभ मेले को लेकर एक विशेष बैठक आयोजित करे और उस बैठक की रिपोर्ट 13 जनवरी को अदालत में पेश करें। यहीं नहीं अदालत ने उक्त चारों शीर्ष अधिकारियों को बुधवार को होने वाली सुनवाई के दौरान वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से व्यक्तिगत रूप से अदालत मेें पेश होने के भी निर्देश जारी किये हैं।
अदालत ने गृह मंत्रालय से भी अनुरोध किया है कि वह बतायें कि उसने कोरोना महामारी के संदर्भ में कुंभ को लेकर क्या-क्या निर्णय लिये हैं और क्या-क्या दिशा निर्देश जारी किये हैं। इस मामले में भी केन्द्र सरकार को 13 जनवरी को अदालत में अपनी रिपोर्ट पेश करनी है।
अदालत की चिंता रही है कि कोरोना महामारी को देखेते हुए कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ पर कैसे नियंत्रण किया जा सकता है। अदालत ने साफ-साफ कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन एवं दिशा निर्देशों को इलेक्ट्रोनिक और प्रिंट मीडिया के माध्यम से सभी प्रदेशों में प्रचारित और प्रसारित किया जायेगा और लोगों को जारी एसओपी के संदर्भ में जागरूक किया जायेगा।
अदालत ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि श्रद्धालुओं की अनियंत्रित भीड़ से कोरोना महामारी का खतरा काफी बढ़ सकता है। अदालत ने सरकार से यह भी पूछा कि आपात स्थिति में सुरक्षा के लिये सरकार की ओर से क्या क्या कदम उठाये गये हैं। अदालत के समक्ष कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिये ऑनलाइन पंजीकरण और कोरोना जांच रिपोर्ट की अनिवार्यता जैसे सुझाव विभिन्न पक्षों की ओर से पेश किये गये।
कोरोना महामारी को लेकर दायर विभिन्न जनहित याचिकाओं पर सोमवार को मुख्य न्यायाधीश राघवेन्द्र सिंह चौहान और न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की युगलपीठ में लंबी सुनवाई हुई। अदालत ने सुनवाई के दौरान कोरोना महामारी को लेकर बेहद गंभीर चिंता व्यक्त की और कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार इस प्रकरण को गंभीरता से ले।
अदालत की चिंता कुंभ में जुटने वाली भीड़ को लेकर थी। याचिकाकर्ता सचिदानंद डबराल की ओर से अदालत को बताया गया कि विशेष पर्वों के दौरान हरिद्वार में श्रद्धालुओं की लाखों भीड़ उमड़ती है और कुंभ जैसे ऐतिहासिक पर्व पर श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ सकती है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी को लेकर उच्च न्यायालय में सचिदानंद डबराल के अलावा अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, डीके जोशी और रामस्वरूप की ओर से अलग-अलग जनहित याचिकायें दायर की गयी हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से प्रदेश में बुकियादी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से लेकर अन्य तमाम मुद्दे माध्यम से उठाये गये हैं।
रवीन्द्र, उप्रेती
वार्ता
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