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त्रिपुरा ने कोविशील्ड की 56,500 खुराकें हासिल की

अगरतला ,13 जनवरी (वार्ता) त्रिपुरा में 16 जनवरी से राज्य के सरकारी अस्पतालों के 152 स्थानों पर शुरू होने वाले कोरोना वायरस टीकाकरण कार्यक्रम के लिए कोविशील्ड की 56,500 डोज बुधवार को पहुंच गई। ये खुराकें 6000 शीशियों में हैं।
कोलकाता से इंडिगो यात्री विमान के जरिये पांच विशेष कार्टून में कोरोना टीके आज सुबह यहां पहुंचे। इसके बाद सभी जिलों को टीकों का वितरण कर दिया गया।
कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश-स्वीडिश ड्रग कंपनी एस्ट्राज़ेनेका की ओर से संयुक्त रूप से विकसित किया गया है और भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा निर्मित किया गया है। केंद्र ने सोमवार की शाम 1.1 करोड़ डोज के अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के बाद मंगलवार सुबह से एसआईआई के पुणे स्थित केंद्र से टीकों को बाहर भेजना शुरू कर दिया।
राज्य इम्युनाइजेशन अधिकारी डा. कल्लोल रॉय ने कहा कि त्रिपुरा में टीकाकरण के पहले चरण के लिए कोविशील्ड डोज प्राप्त हुई है जिसमें 45,420 स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जाएगा। सबसे पहला टीका अगरतला के गांधीग्राम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लगायी जाएगा।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने टीकों के भंडारण की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। जिला मुख्यालयों में टीकों के भंडारण के लिए आठ स्थान तैयार किये गये हैं।
राज्य सरकार ने पहले ही सभी भंडारण सुविधाओं के साथ 145 शीतघरों का इंतजाम किया है। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त शीत रेफ्रिजरेटर का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार गांधीग्राम पीएचसी के चिकित्सा अधिकारी 33 वर्षीय डा. मृदुल दास प्रशिक्षित टीका लगाने वाले झूटन दास से टीके की पहली खुराक प्राप्त करेंगे। दोनों ने कोरोना टीकाकरण के पूर्वाभ्यास के दोनों चरणों में भी भाग लिया था।
डा. दास ने कहा,“मैं शुरू से ही स्थानीय स्तर पर कोविड रोगियों को संभालने में शामिल रहा हूं और अपने कार्यस्थल पर वैक्सीन प्राप्त करने वाला मैं पहला कोविड योद्धा बनने वाला भाग्यशाली हूं। यह वास्तव में रोमांचक है कि इस बीमारी, जिसके बारे में हममें से अधिकांश को पता नहीं था, से सफलतापूर्वक लड़ा गया है और अब इसके प्रसार को रोकने के लिए एक टीका भी उपलब्ध है।”
संजय जितेन्द्र
वार्ता
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