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डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के कुलपति तामुली निलंबित

गुवाहाटी, 11 फरवरी (वार्ता) असम के राज्यपाल और डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्राे. जगदीश मुखी ने विवि के कुलपति प्रो. रंजीत तामुली को वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में गुरुवार को निलंबित कर दिया।
राज्य के विश्वविद्यालय में किसी कुलपति के निलंबित किये जाने का यह पहला मामला है। राजभवन की ओर से यहां जारी विज्ञप्ति में कहा गया,“डिब्रूगढ़ विवि के कुलपति प्रो. रंजीत तामुली के खिलाफ गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और सार्वजनिक राशि के दुरुपयोग को देखते हुए राज्यपाल सह कुलाधिपति ने तत्काल प्रभाव से प्रो. तामुली को निलंबित कर दिया है।”
राज्यपाल ने विवि के सबसे वरिष्ठ प्रोफेसर होने के नाते लाइफ साइंस विभाग और बॉयोलॉजिकल साइंस फैकल्टी के डीन प्रो. आर एन एस यादव को कुलपति का प्रभार सौंपा है।
इससे पहले डिब्रूगढ़ विवि शिक्षक संघ, विवि अधिकारी संघ, विवि कर्मचारी संघ और लाहोवाल एलएसी के विधायक ने राज्यपाल सह कुलाधिपति को ज्ञापन देकर प्राे. तामुली पर वित्तीय अनियमितता और धन के दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था।
प्रो. तामुली की सफाई से संतुष्ट नहीं होने पर राज्यपाल ने आरापों की जांच कराने और सही तथ्यों को सामने लाने के लिए राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के सचिव प्रीतम सैकिया तथा अपर असम प्रमंडल के आयुक्त मलय बोरा के नेतृत्व में एक तथ्य जांच समिति का गठन किया था। इस समिति की सहायता के लिए काहिलीपारा स्थित फोरेंसिक विज्ञान निदेशालय के विशेषज्ञों को भी इस समिति में शामिल किया गया।
जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर विवि के कुलाधिपति होने के नाते राज्यपाल ने प्रस्तुत तथ्याें तथा रिकॉर्ड पर उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर प्रथम दृष्टया प्रो. तामुली के खिलाफ गंभीर अनियमितता, पद का दुरुपयोग और प्रतिबद्धता की कमी पाया। वक्तव्य के मुताबिक इसके बाद राज्यपाल सह कुलाधिपति ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
राज्यपाल ने पिछले पांच वर्षों के दौरान डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के कामकाज के विवरण में जाने के लिए एक उच्च-स्तरीय जांच समिति नियुक्त करने का फैसला किया है जो विवि में वित्तीय लेनदेन, वित्तीय प्रशासन, भ्रष्टाचार, अनुशासन, निधियों का दुरुपयोग तथा विश्वविद्यालय प्रशासन के अन्य पहलुओं के बीच शक्तियों का दुरुपयोग तथा आरोपों की जांच करेगी।
वक्तव्य के मुताबिक कुलपति को तत्काल प्रभाव से यह सुनिश्चित करने के लिए निलंबित किया गया है कि वह गवाहों को प्रभावित ना कर सकें तथा विवि के रिकॉर्डाें के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं किया जा सके। साथ ही निष्पक्ष जांच सुनिश्चित किया जा सके।
संजय जितेन्द्र
वार्ता
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