राज्य » अन्य राज्यPosted at: May 24 2021 5:13PM अदालत का समय बर्बाद करने पर अपीलकर्ता पर लगाया जुर्मानानैनीताल, 24 मई (वार्ता) गये थे हरि भजन को, ओटन लगे कपास। उत्तरकाशी निवासी एवं याचिकाकर्ता ममता कालूड़ा पर यह कहावत चरितार्थ होती है। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता पर अदालत का समय बर्बाद करने लिये 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।मामला उत्तरकाशी के नगर पालिका आवास से जुड़ा हुआ है। दरअसल नगर पालिका ने याचिकाकर्ता ममता कालूड़ा को गलत ढंग से आवास का आवंटन कर दिया गया था। इस मामले को रेखा शर्मा की ओर से उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी। अदालत ने रेखा शर्मा की याचिका को स्वीकार करते हुए आवंटन रद्द करने के निर्देश दे दिये।इसके बाद ममता कालूड़ा ने हार नहीं मानी और हाईकोर्ट में समीक्षा (रिव्यू) याचिका दायर की। इसे भी अदालत ने खारिज कर दिया। हालांकि तब उसकी ओर से आवास खाली करने के लिये 15 मई तक का समय मांगा गया। इसी बीच ममता ने फिर विशेष अपील के माध्यम से उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ से उसे फिर हार मिली। अदालत ने अपील खारिज कर दी। साथ ही अदालत का समय बर्बाद करने के एवज में उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाने की चेतावनी दी।अदालत का सख्त रूख देखते हुए याचिकाकर्ता की ओर से अपील को वापस लेने की मांग की गयी। अदालत ने याचिकाकर्ता की मांग को स्वीकार तो कर लिया लेकिन बाद में उस पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। अदालत ने उक्त धनराशि को अधिवक्ता कल्याण कोष में जमा करने के निर्देश दिये हैं। रवीन्द्र, उप्रेतीवार्ता