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त्रिवेन्द्र पर टिप्पणी करने वाले युवक को एचसी से राहत

नैनीताल, 08 अक्टूबर (वार्ता) उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत पर सोशल मीडिया के माध्यम से टिप्पणी करने के मामले में विशेष अभियान समूह (एसओजी) के निशाने पर आये बेरोजगार युवक को उच्च न्यायालय ने राहत देते हुए उसकी अदालत में होने वाली पेशी पर रोक लगा दी है। साथ ही एसओजी से जवाब मांगा है।
मामला वर्ष 2020 से जुड़ा हुआ है। तब मुनस्यारी निवासी बेरोजगार युवक गर्वित दानू की ओर से तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की फेसबुक पोस्ट पर टिप्पणी कर दी गयी थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री रावत ने भांग की खेती को रोजगारपरक बनाने के लिये तब सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल की थी। आरोप है कि रूड़की में कोचिंग की पढ़ाई कर रहे गर्वित दानू ने उनकी फेसबुक पोस्ट पर टिप्पणी कर दी।
इसके बाद एसओजी ने इस मामले में युवक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी और आरोपी को अगले दिन गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। यही नहीं एसओजी ने युवक के खिलाफ निचली अदालत में आरोप पत्र भी दायर कर लिया। इसके बाद अदालत ने आरोपी युवक को 16 अक्टूबर को अदालत में पेश होने का निर्देश दे दिये।
इसके बाद आरोपी हाईकोर्ट पहुंच गया। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ में हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया कि पीठ ने याचिकाकर्ता की पेशी पर रोक लगाते हुए एसओजी से चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
गौरतलब है कि एसओजी ने आरोपी युवक पर अपनी फेसबुक आईडी के माध्यम से उत्तराखंड पुलिस की छवि खराब करने का आरोप भी लगाया है। आरोप है कि युवक ने अपनी फेसबुक आईडी में उत्तराखंड पुलिस का उल्लेख किया है। वह लंबे समय से उत्तराखंड पुलिस के नाम का इस्तेमाल कर रहा है जिससे पुलिस की छवि खराब हुई है।
रवीन्द्र.संजय
वार्ता
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