राज्य » अन्य राज्यPosted at: Oct 17 2021 7:06PM आपदा बचाव में एसडीआरएफ की 29 टीमें तैनातदेहरादून 17 अक्टूबर (वार्ता) उत्तराखंड में रविवार को अगले तीन दिनों तक हल्की से भारी वर्षा की संभावना के बाद, राज्य में देवदूत की संज्ञा प्राप्त राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के जवानों ने अपना मोर्चा संभाल लिया है।एसडीआरएफ के सेनानायक (कमांडेंट) नवनीत भुल्लर ने रविवार मध्याह्न यूनीवार्ता को बताया कि मौसम विभाग द्वारा आज से अग्रिम तीन दिवस तक राज्य में भारी से बहुत भारी वर्षा के साथ ही, कहीं कहीं अत्यंत भारी वर्षा होने की संभावना होने का अलर्ट जारी किया गया है। कुछ स्थानों पर आकाशीय बिजली, ओलावृष्टि, तेज हवाएं 80 किलोमीटर प्रति घंटा तक चलने की संभावना है। उन्होंने बताया कि इस चेतावनी के दृष्टिगत, राज्य के विभिन्न जनपदों मे व्यवस्थापित फोर्स की सभी टीमों को अलर्ट अवस्था में रखा गया है। उन्होंने बताया कि सभी टीमों को किसी भी आपात परिस्थिति के लिए पूर्णतः अलर्ट रहने व रेस्क्यू उपकरणों को भी कार्यशील दशा में रखने के लिये निर्देशित किया गया है।श्री भुल्लर ने बताया कि कुल 29 टीमों काे तैनात किया गया है। इनमें देहरादून जिले के सहस्त्रधारा, चकराता, टिहरी जिले में ढालवाला (ऋषिकेश), कोटि कॉलोनी, ब्यासी (कौड़ियाला), उत्तरकाशी जिले में उजेली, भटवाड़ी, गंगोत्री, बड़कोट,जानकीचट्टी और यमुनोत्री क्षेत्र हैं। उन्होंने बताया कि पौड़ी गढ़वाल जिले में श्रीनगर, कोटद्वार, सतपुली, जिला चमोली में गौचर, जोशीमठ, पांडुकेश्वर, और श्री बद्रीनाथ जिला रुद्रप्रयाग में सोनप्रयाग, अगस्तमुनि, लिनचोली, श्रीकेदारनाथ में टीमों को विशेष रूप से तैनात किया गया है।कमांडेंट ने बताया कि इसके अतिरिक्त, जिला पिथौरागढ़ में पिथौरागढ़, धारचूला, अस्कोट, जिला बागेश्वर- में कपकोट, जिला नैनीताल में नैनी झील, खैरना, जिला अल्मोड़ा में सरियापानी और जिला ऊधमसिंहनगर में रुद्रपुर में राहत दल मुस्तैद हैं। उन्होंने बताया कि अतिवृष्टि से बाढ़, भूस्खलन, आकाशीय बिजली गिरना, बादल फटना इत्यादि घटनाये होती रहती हैं जिससे जान माल की हानि का भय बना रहता है। उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार की आपदा के दौरान जान माल की हानि के न्यूनीकरण एवं तत्काल प्रतिवादन हेतु एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम पूर्व से ही संवेदनशील स्थानों पर तैनात हैं।सं.संजयवार्ता