राज्य » अन्य राज्यPosted at: Oct 25 2021 4:03PM टिपरालैंड को लेकर दिल्ली प्रदर्शन अगले माह टलाअगरतला, 25 अक्टूबर (वार्ता) त्रिपुरा स्वायत्त जिला परिषद (एडीसी) में सत्तारूढ़ दल और शाही वंशज प्रद्योत किशोर देबबर्मन की पार्टी टीआईपीआरए(टिप्रा) मोथा ने पिछले दो दशकों से आदिवासी दलों द्वारा जोर दिए जा रहे टिपरालैंड की मांग के लिए नयी दिल्ली के जंतर मंतर पर अपना प्रदर्शन टाल दिया है। टिप्रा मोथा ने राज्य के स्वदेशी समुदाय के लिए अलग टिपरालैंड की मांग को लेकर इस वर्ष एडीसी चुनाव जीता था। भारतीय जनता पार्टी सरकार की सहयोगी इंडिजीनियस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) 2000 से ही टिपरालैंड को लेकर संघर्ष कर रही है तथा पिछले विधानसभा चुनाव में आईपीएफटी 10 में से आठ सीटों पर जीत हासिल की थी। प्रादेशिक परिषद को एडीसी का दर्जा बढ़ाने के वादे के साथ भाजपा के साथ आईपीएफटी गठबंधन, केंद्र से सीधे वित्त पोषण सहित एडीसी को अधिक शक्ति प्रदान करता है, लेकिन लगभग चार साल बाद भी कोई प्रगति नहीं हुई। इसके कारण पहाड़ियों में आईपीएफटी का समर्थन कम हुआ और टिप्रा मोथा के विकास को प्रोत्साहित किया। चुनावी वादे के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने त्रिपुरा के आदिवासियों के सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और भाषाई विकास के तौर-तरीकों की सिफारिश करने के लिए एक उच्च शक्ति समिति का गठन किया था, लेकिन अब तक कोई प्रगति नहीं होने के कारण, इसने पार्टी के भविष्य को धूमिल कर दिया है। हाल ही में, टिप्रा मोथा और आईपीएफटी ने 28 अक्टूबर को जंतर मंतर पर संयुक्त प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है, लेकिन दिल्ली प्रशासन ने आगामी दिवाली त्योहार का कारण बताते हुए 200 से अधिक लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं दी है, जिसे टिप्रा ने कम से कम 1000 त्रिपुरा के स्वदेशी लोगों के साथ आयोजित करने की घोषणा की थी।टिप्रा के एक अधिकारी ने कहा,“प्रशासन की सलाह के अनुसार, हमने दिवाली त्योहार के बाद नवंबर के दूसरे सप्ताह में कार्यक्रम स्थगित कर दिया है और हम एक हजार से अधिक समर्थकों के साथ विरोध प्रदर्शन करेंगे। हम घटना के बाद संसद का ध्यान आकर्षित करने की भी कोशिश करेंगे, क्योंकि उस दौरान संसद का सत्र भी निर्धारित है।” प्रदर्शन के बाद एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात करेगा। संजय जितेन्द्रवार्ता