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ट्रांसपोर्टर्स में करों को लेकर भ्रम की स्थिति दूर करने के निर्देश

देहरादून 07 जून (वार्ता) उत्तराखंड के परिवहन मंत्री चन्दन राम दास ने मंगलवार को यहां विभागीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि वर्तमान में विभाग द्वारा वाहन स्वामियों से भिन्न-भिन्न नामों से (ग्रीन उपकर, प्रवेश उपकर आदि) करो की वसूली की जा रही है। इससे वाहन स्वामियों में भ्रम की स्थिति बनी रहती है। अतः विभाग द्वारा कर ढांचे को तर्कसंगत बनाते हुए उसका सरलीकरण किया जाये।
परिवहन मंत्री द्वारा अधिकारियों से अपेक्षा की गयी कि विभाग का उद्देश्य केवल करों की वसूली ही नहीं होना चाहिए, अपितु ऐसे प्रयास करने चाहिए कि जनता को परिवहन विभाग की पारदर्शी और त्वरित सेवा सुगमता से प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि मार्ग पर भ्रमण के दौरान देखा गया है कि विभाग द्वारा यात्रा मार्गों पर जो चेकपोस्टें स्थापित की गयी है, यहां नेटवर्क कनेक्टिविटी न होने के कारण वाहनों के प्रपत्रों की ऑनलाईन जांच नहीं हो पा रही है, जिससे वाहन स्थानियों को अनावश्यक विलम्ब हो रहा है और चेकपोस्ट पर लाईन भी लग रही है। उन्होंने निर्देश दिये गये कि चैकपोस्टों को ऐसे स्थान पर स्थापित किया जाये, जहां कनेक्टिविटी उपलब्ध हो और वाहन स्वामियों को कम से कम परेशानी हो।
श्री दास ने यह भी निर्देश दिये कि विभाग द्वारा अधिकतर कार्य ऑनलाईन कर दिये गये हैं, परन्तु कार्यों का ऑटोमेशन करते समय यह भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि उक्त व्यवस्था का लाभ अपेक्षाकृत कम पढ़े-लिखे चालक-परिचालक को मिले और उसे अनाधिकृत व्यक्तियों के पास न जाना पड़े। उन्होंने बकाया राजस्व के मामलों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि विभाग द्वारा लम्बे समय तक वाहन स्वामियों को मांग पत्र/वसूली पत्र निर्गत नहीं किये जाते हैं, जिसके कारण वाहन स्वामी के प्रति देय धनराशि बढ़ती रहती है और जब विभाग द्वारा वाहन स्वामियों को बकाया जमा करने का नोटिस दिया जाता है, तब वाहन स्वामी बकाया जमा करने में सक्षम नहीं हो पाता है। इसलिये उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे वाहन के बकाया में आने के एक वर्ष के अन्तर्गत नोटिस जारी करते हुए वसूली की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। साथ ही यह भी निर्देश दिये गये कि लम्बी अवधि से बकाया के मामलों के निस्तारण के सम्बन्ध में एक कार्ययोजना विकसित की जाये।
मंत्री ने राज्य में सड़क दुर्घटनाओं के मामलों की बढ़ती संख्या पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि कोई भी दुर्घटना घटित होना अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है, जिसमें प्रभावित परिवार के साथ-साथ प्रदेश को भी क्षति पहुंचती है। उन्होंने भविष्य में पर्वतीय क्षेत्रों में दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु विशिष्ट कार्ययोजना बनाये जाने पर बल दिया। उन्होंने सभी ब्लैक स्पॉट/ संवेदनशील स्थलों पर कैश बैरियर लगाये जाने, ओवरस्पीड/नशे की हालत में वाहन चलाने वाले चालकों के विरूद्ध कठोर प्रवर्तन की कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
परिवहन मंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि समय-समय पर मोबाईल टीम द्वारा चालक की दशा की भी जाँच की जाए कि कहीं चालक अस्वस्थ अथवा थका हुआ तो नहीं है। उन्होंने चालकों को समय-समय पर प्रशिक्षण प्रदान करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने आय बढ़ाने हेतु बस अड्डो पर व्यवसायिक गतिविधियाँ विकसित करने पर भी विचार करने के निर्देश दिए।
बैठक में अरविन्द सिंह ह्याँकी, सचिव, परिवहन, रणवीर सिंह चौहान, परिवहन आयुक्त रोहित मीणा, प्रबन्ध निदेशक, उत्तराखण्ड परिवहन निगम, सनत कुमार सिंह, संयुक्त परिवहन आयुक्त, सुधांशु गर्ग, उप परिवहन आयुक्त, डॉ० अनिता चमोला, सहायक परिवहन आयुक्त, उत्तराखण्ड दीपक जैन, महाप्रबन्धक, उत्तराखण्ड परिवहन निगम के अतिरिक्त परिवहन विभाग एवं परिवहन निगम के मुख्यालय स्तर के अधिकारी उपस्थित थे। परिवहन विभाग एवं परिवहन निगम के जनपदीय अधिकारियों द्वारा वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से बैठक में भाग लिया गया।
सं.संजय
वार्ता
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