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पेपर लीक मामले में सचिवालय का अपर निजी सचिव गिरफ्तार

देहरादून, 10 अगस्त (वार्ता) उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) ने पिछले वर्ष दिसम्बर में आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा में हुई प्रश्नपत्र (पेपर) लीक मामले में बुधवार को विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने सचिवालय में कार्यरत एक अपर निजी सचिव को साक्ष्यों के आधार पर पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया।
इससे पहले दिन में एसटीएफ ने एक ऐसे युवक को गिरफ्तार किया जिसने आउट पेपर के जरिये परीक्षा दी। इतना ही नहीं, उसने 163वीं रैंक भी प्राप्त की थी। अभी तक इस मामले में कुल 15 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
एसटीएफ के पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने आज देर रात इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पेपर लीक मामले के परिप्रेक्ष्य में जनपद देहरादून के थाना रायपुर पर पंजीकृृत मु0अ0स0 289/22 धारा 420/467/468/471/34 भा0द0वि0 की विवेचना एसटीएफ सम्पादित कर रही है। इस दौरान प्रश्नपत्र आउट कराने की मिलीभगत में वर्तमान तक कुल 15 अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिनमें से साक्ष्यो के आधार पर पांच सरकारी कर्मचारियों एवं तीन संविदा पर नौकरी करने वाले कर्मचारियों को भी मिलीभगत के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में जांच के क्रम में आज साय: सचिवालय के लोक निर्माण एवं वन विभाग में कार्यरत अपर निजी सचिव गौरव चौहान को बयान के लिए कार्यालय बुलाया गया। जिसे पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर देर रात गिरफ्तार कर लिया गया है।
श्री सिंह ने बताया कि पूर्व में गिरफ्तार अभियुक्तो तथा अन्य छात्रों से गहन पूछताछ के आधार पर और पुख्ता साक्ष्यों में मनोज जोशी (कोर्ट कर्मचारी) और अभियुक्त तुषार चौहान से परीक्षा प्रश्न पत्र लीक के संबंध में जानकारी की गई थी। उन्होंने बताया कि कि अपर निजी सचिव गौरव और तुषार दोनों आपस में रिश्तेदार हैं। उन्होंने बताया कि अभियुक्त गौरव द्वारा दो अभयार्थी से 15-15 लाख में सौदा हुआ था। जिसमे 24 लाख अभियुक्त द्वारा अभ्यर्थी के माध्यम से एग्जाम के रिजल्ट बाद प्राप्त किए गए थे। शेष का भुगतान अन्य को परीक्षा से पूर्व किया गया था। उन्होंने बताया कि पूछताछ और उपलब्ध साक्ष्य व इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर उपरोक्त गिरफ्तारी की गई है।
एसटीएफ के पुलिस अधीक्षक श्री सिंह ने अपील की है कि जिन अभ्यर्थियों द्वारा परीक्षा में अनुचित साधन का प्रयोग किया है, वो खुद कार्यालय आकर अपने बयान शीघ्र दर्ज कराए। अभी तक कई छात्रों द्वारा अपनी गलती स्वीकार की गई है। उन्होंने कहा कि एसटीएफ को ऐसे अभियार्थी जो अनुचित साधनों से क्वालीफाई किया गया है, के संबंध में जानकारी मिल रही है, भविष्य में उनकी गिरफ्तारी संभव है।
सं राम
वार्ता
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