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पीएफआई ने दक्षिण कन्नड़ में वापसी की चेतावनी दी

मंगलुरु, 04 अक्टूबर (वार्ता) दक्षिण कन्नड़ जिले के बंतवाल तालुक में मंगलवार को प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने कथित रूप से प्रतिशोध की भावना से चेतावनी जारी की है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के कुछ दिनों बाद पीएफआई ने यह संदेश जारी करते हुए लिखा, ‘सावधान (आरएसएस), हम प्रतिशोध की भावना से वापस आएंगे।’
घटना का संज्ञान लेते हुए पुलिस ने आज घटनास्थल का दौरा किया और इसकी जांच कर रही है।
इस बीच, हिन्दू जागरण के कार्यकर्ताओं ने पुलिस से सड़क पर आपत्तिजनक संदेश लिखने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
केंन्द्रीय गृह मंत्रालय ने 27 सितंबर को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के अंतर्गत पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों को पांच वर्षों के लिए प्रतिबंधित लगा दिया था।
सरकार ने पीएफआई के अलावा, इसके सहयोगी रिहैब इंडिया फाउंडेशन, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल को ‘गैरकानूनी’ घोषित किया गया है। हालांकि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया।
इस संदर्भ में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), राज्य पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 22 सितंबर को 15 राज्यों में 93 ठिकानों पर पीएफआई के शीर्ष नेताओं और सदस्यों के घरों और कार्यालयों पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज, नकद, हथियार और बड़ी संख्या में डिजिटल उपकरण बरामद किए गए। पीएफआई के 45 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया जबकि 270 से ज्यादा सदस्यों को हिरासत में लिया गया।
पीएफआई गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहा है, जिसमें एक प्रोफेसर का अंग भंग करना, अन्य धर्म के लोगों की निर्मम हत्या, प्रसिद्ध लोगों और स्थानों को निशाना बनाना, विस्फोटक रखना और संपत्ति नष्ट करना शामिल है।
इसके अलावा, पीएफआई पर बैंकिंग चैनलों, हवाला आदि के माध्यम से भारत और विदेशों से धन प्राप्त करने और उसका उपयोग विभिन्न आपराधिक, गैरकानूनी और आतंकवादी गतिविधियों में करने का आरोप है।
अभय, उप्रेती
वार्ता
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