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भाजपा का जारकीहोली के बयान पर कर्नाटक में प्रदर्शन

बेंगलुरु, 09 नवंबर (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को कर्नाटक के जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन रैलियां निकाली और राज्य में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सतीश जारकीहोली से हिंदू विरोधी बयान पर बिना शर्त की माफी मांगने की मांग की।
पार्टी ने बेंगलुरु और बेलागवी और अन्य जिलों के मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि श्री जारकीहोली का बयान साफ तौर पर कांग्रेस के हिंदुओं और हिंदू धर्म का अपमान करने की मानसिकता को दर्शाता है।
बेलगावी शहर में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भाजपा विधायक संजय पाटिल ने कहा कि हिंदू को अश्लील कहना अनुचित है और चुनौती देते हुए कहा कि अगर श्री जारकीहोली सबूत लाते हैं तो वह उनके साथ चर्चा के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा, “ हिंदू संस्कृति की महानता को साबित करने के लिए कई दस्तावेज हैं। ”
बेंगलुरु में पार्टी प्रवक्ता मालविका अविनाश ने कहा कि कांग्रेस बयान की भारी कीमत चुकाएगी और श्री जारकीहोली की हिंदू विरोधी टिप्पणी को खारिज करने के लिए कई लिखित रिकॉर्ड हैं।
इस बीच, श्री जारकीहोली ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को मामले की जांच करने के लिए एक समिति गठित करने की चुनौती दी, जिससे पता चल सके कि उन्होंने क्या कुछ गलत कहा है।
कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने कहा कि विवादित बयान श्री जारकीहोली का निजी विचार है। उन्होंने कहा, “श्री जारकीहोली ने खुद स्पष्ट किया है कि उन्होंने एक अलग मंच पर बयान दिया जिसका उनकी पार्टी से कोई संबंध नहीं था। ”
इससे पहले श्री बोम्मई ने कहा था कि कांग्रेस सिर्फ वोट के लिए तुष्टीकरण की नीति में लगी हुई है और बिना किसी गहन अध्ययन के इस तरह के आधे-अधूरे बयान दे रही है।
उन्होंने कहा, “ इस तरह के बयानों के माध्यम से, कांग्रेस नेता हर भारतीय की आस्था की नींव को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। किसी भी देश के भीतर समस्या पैदा करना राष्ट्र-विरोधी कार्य है। हर किसी को इस तरह के कृत्यों की निंदा करनी चाहिए। ”
श्री बोम्मई ने श्री जारकीहोली के बयान पर एआईसीसी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और विपक्ष के नेता सिद्दारामैया के चुप रहने पर सवाल उठाया।
उन्होंने कहा,“ क्या उनका चुप रहना श्री जारकीहोली का अप्रत्यक्ष समर्थन है। ”
कर्नाटक में श्री जारकीहोली अंधविश्वास विरोधी एक मजबूत कार्यकर्ता हैं और श्री सिद्दारामैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में राज्य के अंधविश्वास विरोधी विधेयक को पारित करने के समर्थकों में से एक थे।
इससे पहले श्री जारकीहोली ने वर्ष 2015 में अंधविश्वास विरोधी बिल पर आगे बढ़ने में श्री सिद्दारामैया सरकार की विफलता के लिए अपना इस्तीफा भी दे दिया था।
अभिषेक.श्रवण
वार्ता
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