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इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ ने मिशन कंट्रोल सेंटर के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए इस सफल मिशन के लिए एनएसआईएल, इसरो और वनवेब को बधाई दी। उन्होंने कहा कि श्रृंखला के पहले 16 उपग्रहों को सही कक्षा में स्थापित किया गया है। शेष उपग्रहों की पुष्टि जल्द ही प्राप्त होगी।
उन्होंने वैज्ञानिकों से कहा कि इसरो के भारी उपग्रह वाहन ने अच्छा प्रदर्शन किया और अंतरिक्ष यान को सही कक्षा में स्थापित किया।
उन्होंने इस प्रक्षेपण यान की विश्वसनीयता की सफलता पर काम करने के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को भी धन्यवाद दिया। एलवीएम-3 इसरो के सबसे भारी रॉकेट वाहक वाहन जीएसएलवीएमके-III का नया नाम है, जो कक्षा में सबसे भारी उपग्रहों को स्थापित करने की क्षमता रखता है। इसरो के लिए पिछले महीने सफल एसएसएलवी-डी2/ईओएसओ7 मिशन के बाद 2023 में यह दूसरा प्रेक्षपण है।
वनवेब अंतरिक्ष से संचालित एक वैश्विक संचार नेटवर्क है, जो सरकारों, व्यवसायों और समुदायों के लिए कनेक्टिविटी को सक्षम बनाता है। वनवेब के 36 उपग्रहों का पहला सेट एलवीएम3-एम2/वनवेब इंडिया-1 मिशन में 23 अक्टूबर, 2022 को लॉन्च किया गया था। यह वनवेब का 18वां प्रेक्षपण है और इस साल तीसरा है।
इसरो ने कहा कि यह प्रक्षेपण कंपनी के लिए एक प्रमुख मील का पत्थर है। वनवेब जल्द ही अपना वैश्विक कवरेज शुरू करने के लिए तैयार होगा।
वनवेब के पास वर्तमान में कक्षा में 582 उपग्रह हैं। 36 उपग्रहों के दूसरे प्रेक्षपण के बाद, वनवेब के उपग्रहों की कुल संख्या 618 हो जाएगी।
वनवेब भारत सहित वैश्विक कवरेज देने में एक महत्वपूर्ण कदम उठाएगा।
जांगिड़
वार्ता
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