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भारतीय पेट्रोलियम संस्थान में जैविक कचरे से एथिलीन ऑक्साइड बनाने की प्रौद्योगिकी पर चर्चा

देहरादून, 11 मई (वार्ता) उत्तराखंड के देहरादून स्थित वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (सीएसआईआर- आईआईपी) में गुरुवार को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर बायोमास संसाधनों (जैविक अपशिष्ट) से एथिलीन ऑक्साइड बनाने के अभिनव प्रयोग पर चर्चा की गयी और इसे पेट्रोलियम पर निर्भरता कम करने की संभावना वाली प्रौद्योगिकी बताया गया।
संस्थान में हुई गोष्ठी मुख्य वक्ता और पारिस्थितिकी के अनुकूल विकास के क्षेत्र में पहचान बनाने वाले कंपनी इंडिया ग्लाइकॉल्स लिमिटेड के उपाध्यक्ष डॉ आरके शर्मा ने देश में उपलब्ध बायोमास (जैविक अपशिष्ट) से एथिलीन ऑक्साइड बनाने के अपने अनूठे प्रयोगों को प्रस्तुत करते हुए बताया कि यह प्रौद्योगिकी देश में कच्चे तेल के आयात को कम करने में सहयोगी है।
डॉ शर्मा ने अपनी कंपनी द्वारा विकसित विशिष्ट रसायन का ब्योरा दिया। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि हमारा यह प्रयत्न होना चाहिए कि हर प्रौद्योगिकी ऊर्जा दक्ष के साथ-साथ पारिस्थितिकी की दृष्टि से स्वस्थ भी हो और आत्मनिर्भरता बढ़ाने वाली हो।
गोष्ठी के विशिष्ट अतिथि देश के उभरते हुए युवा उद्यमी, सनफोक्स टेक्नोलॉजी संस्थापक रजत जैन ने अपने नए उपक्रम ‘स्पंदन’ के बारे मे बताते हुए कहा कि यह तकनीकी हृदय आघात की सटीक जानकारी मोबाइल फोन पर उपलब्ध कराती है। जिससे समय रहते मरीज को उपयुक्त चिकित्सकीय सहायता प्रदान की जा सकती है। उन्होंने युवा उद्यमियों की चुनौतियों के बारे मे बताते हुये उन्हें अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित किया।
सीएसआईआर-आईआईपी निदेशक प्रो. आर प्रदीप कुमार ने कहा कि हमे ऐसी प्रौद्योगिकियों को विकसित करने की कोशिश करनी चाहिए, जो मानव और समाज के लिए लंबे समय तक कल्याणकारी हो। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी का विकास किसी एक व्यक्ति विशेष के प्रयासों से संभव नहीं हो सकता और इसीलिए हमें हर उस व्यक्ति की साझेदारी और योगदान की सराहना कर उन्हें धन्यवाद देना चाहिए, जिनकी बदौलत से यह प्रोद्योगिकी आज हमें इतनी सहज तरीके से उपलब्ध हो रही है।
सीएसआईआर-आईआईपी के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ सौमेन दास गुप्ता द्वारा विकसित बायोगैस टेक्नोलाजी, मेडिकल ऑक्सीजन और हीलियम उत्पादन की तकनीकियों का संक्षिप्त ब्योरा प्रस्तुत किया। वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ जी डी ठाकरे ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया। संगोष्ठी का संचालन संचालन सोमेश्वर पाण्डेय ने किया ।
सुमिताभ, मनोहर, उप्रेती
वार्ता
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