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उत्तराखंड में सैनेटरी नैपकिन पैड वैंडिंग मशीन का शुभारंभ,लगेंगी 8 हजार मशीन

देहरादून 28 मई (वार्ता)‘विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस’ के अवसर पर रविवार को उत्तराखंड की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने राज्य की किशोरी बालिकाओं एवं महिलाओं के स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं सुविधा की तरफ एक रचनात्मक पहल ‘मेरी सहेली’ सैनेटरी नैपकिन पैड वैंडिंग मशीन का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ, श्रीमती आर्य ने कैबिनेट के सहयोगी मंत्री गणेश जोशी के साथ दीप प्रज्ज्वलन कर किया। कार्यक्रम में उपस्थित महिला चिकित्सकों ने बालिकाओं व महिलाओं में माहवारी से संबंधित फैली भ्रांतियों के बारे में बताया। साथ ही, बालिकाओं के इस सम्बन्ध में पूछे सवालों के उत्तर भी दिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा यह एक अच्छी पहल है। अब बालिकाओ को सेनेटरी नेपकिन सार्वजनिक स्थानों पर मिल सकेंगी। उन्होंने कहा कि आज से पूर्व माहवारी के बारे में लोगो मे जागरूकता नही थी। इसे लेकर कई प्रकार की भ्रांतियां फैली हुई थी। अभी भी समय अवश्य बदला है, किंतु वह विचारधारा पूरी तरह से नही बदली है। उन्होंने कहा कि यह प्रकृति की देन है हमे इसे स्वीकारना चाहिए।उन्होंने कहा कि हमे जागरूकता बढ़ाने के साथ ही बच्चों को शुरू से ही माहवारी के प्रति तैयार करना चाहिए।
श्रीमती आर्या ने कहा कि राज्य सरकार ने महिलाओं की झिझक और स्वास्थ्य जागरूकता को ध्यान में रखते हुए सैनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन लगाने की यह पहल की है। लड़कियों में सैनिटेशन, हेल्थ अवेयरनेस बढ़ाने और उनकी झिझक मिटाने के लिए यह कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि स्कूल, कॉलेज, आंगनबाड़ी केंद्रों अस्पताल समेत लड़कियों और महिलाओं की पहुंच वाले क्षेत्रों में ये नैपकिन वेंडिंग मशीनें लगाई जाएंगी। इन सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन से पांच रुपये में दो सैनेटरी नैपकिन प्राप्त की जा सकती हैं और पूरे प्रदेश में ऐसी 8 हजार मशीनें लगाई जाएंगी।
श्रीमती आर्या ने कहा कि आज भी इस संबंध में महिलाएं खुलकर बात नहीं करती हैं। किशोरी एवं महिलाओं माहवारी के समय घरेलू कपड़े का उपयोग करती हैं जो स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से उपयुक्त नहीं है। इससे संक्रमण का खतरा बना रहता है।कहा कि इस मशीन द्वारा तैयार किए गए सेनेटरी पैड का उपयोग सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि हमारे देश मे मासिक धर्म के सम्बन्ध में चर्चा करने में आज भी कई जगहों पर बालिकाएं और महिलाएं झिझकती हैं, ऐसे में इस दौरान उन्हें क्या एहतियात बरतने चाहिए, वे नहीं जानती। इस तरह से वे खुद के स्वास्थ्य को खतरे में डाल देती हैं।
श्रीमती आर्य ने कहा कि मासिक धर्म के समय स्वच्छता बनाए रखने के लिए और खुद को किसी भी तरह के इफेक्शन से दूर रखने के लिए आपको बहुत सी बातों का ध्यान रखना चाहिए। कई गांवों व छोटे शहरों में आज भी महिलाएं मासिक धर्म में कपड़े का इस्तेमाल करती हैं। साथ ही आज भी मासिक धर्म पर स्वच्छता का अभाव देखने को मिलता है जिसकी वजह से कई तरह के संक्रमणों का खतरा बना रहता है। इन सभी मुद्दों पर अधिक से अधिक जागरूकता की आवश्यकता है क्योंकि किसी भी देश का विकास महिलाओं के विकास के समानुपाती होता है और देश के विकास का सबसे महत्वपूर्ण सूचक महिलाओं की शिक्षा एवं स्वास्थ्य ही है।
इस अवसर पर, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अनु सचिव सतीश कुमार सिंह, उपनिदेशक महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विक्रम सिंह, मुख्य परिवीक्षा अधिकारी मोहित चौधरी, उप मुख़्य परिवीक्षा अधिकारी अंजना गुप्ता, स्वास्थ्य निदेशालय के प्रतिनिधि, मुख्य बाल विकास अधिकारी, सुपरवाइजर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ती, बालिकाएं और समस्त विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
सुमिताभ.संजय
वार्ता
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