Saturday, Apr 27 2024 | Time 10:00 Hrs(IST)
image
राज्य » अन्य राज्य


ओडिशा सरकार ने ‘मो घर’ योजना को दी मंजूरी

भुवनेश्वर 29 मई (वार्ता) ओडिशा सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में निम्न और निम्न मध्यम आय वाले परिवारों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के वास्ते ‘मो घर’ नयी आवास योजना को सोमवार को मंजूरी दे दी।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक के बााद मुख्य सचिव पी के जेना ने पत्रकारों को बताया कि इस योजना में ऐसे सभी परिवार शामिल होंगे जो मौजूदा आवास योजनाओं में कठोर पात्रता मानदंड या अपर्याप्त आवंटन के कारण छूट गए थे। यह योजना उन लोगों को भी कवर करेगी जिन्हें पहले आवास सहायता प्राप्त हुई है लेकिन वे अपने घरों का उन्नयन या विस्तार करना चाहते हैं।
श्री जेना ने कहा कि लगभग चार लाख लाभार्थियों (प्रत्येक ऋण स्लैब से एक लाख) की वित्तीय भागीदारी दो साल की अवधि में 2150 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। इस योजना के तहत, एक लाभार्थी तीन लाख रुपये तक के आवास ऋण का लाभ उठा सकता है, जिसे आसान किश्तों में एक वर्ष की अधिस्थगन अवधि को छोड़कर 10 वर्षों में चुकाया जा सकता है। वे ऋण राशि के चार स्लैब -1 लाख, 1.5 लाख, 2 लाख और 3 लाख रुपये में से एक का विकल्प चुन सकते हैं।
उन्होंने बताया कि कच्चे घर में रहने वाला परिवार या आरसीसी छत के साथ एक पक्का कमरा है, जिस परिवार ने या तो किसी सरकारी आवास सहायता का लाभ नहीं उठाया है या अतीत में 70,000 रुपये से कम की सहायता प्राप्त की है, वह योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के पात्र होंगे। प्रति माह 25,000 रुपये से कम आय वाला परिवार, जिसके पास व्यक्तिगत उपयोग के लिए गैर-वाणिज्यिक मोटर चालित चौपहिया वाहन नहीं है और नियमित सरकारी / पीएसयू कर्मचारी के रूप में कोई सदस्य नहीं है या सरकार / पीएसयू से मासिक पेंशन प्राप्त कर रहा है और नीचे का मालिक है 5 एकड़ सिंचित भूमि या 15 एकड़ से कम असिंचित भूमि को भी योजना के तहत कवर किया जा सकता है।
मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य सरकार आवास पूरा होने पर लाभार्थियों के ऋण खाते में पूंजीगत अनुदान जारी करेगी।
एससी/एसटी और पीडब्ल्यूडी मुखिया वाले परिवारों जैसी कमजोर श्रेणियों के लिए बढ़ी हुई पूंजीगत सब्सिडी उपलब्ध होगी। कैबिनेट ने एससी/एसटी को 40,000 रुपये की सब्सिडी देने का फैसला किया। पीडब्ल्यूडी मुखिया परिवारों को एक लाख रुपये की ऋण राशि के एवज में सामान्य वर्ग को 30,000 रुपये, एससी/एसटी/पीडब्ल्यूडी को 55,000 रुपये और सामान्य वर्ग को 1.5 लाख रुपये की ऋण राशि के एवज में 45,000 रुपये का अनुदान मिलेगा। एससी/एसटी/पीडब्ल्यूडी को 70 हजार रुपये और सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों को दो और तीन लाख रुपये के ऋण पर 60 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि बैंक ऋण की मंजूरी के लिए लाभार्थी से कोई प्रसंस्करण शुल्क नहीं लेंगे। राज्य सरकार ने हितग्राहियों के वित्तीय बोझ को और कम करने के लिए टाइटल डीड के बंधक के दौरान आवश्यक पंजीकरण शुल्क और स्टांप शुल्क को माफ कर दिया। इस योजना के तहत ऋण आवेदनों के प्रसंस्करण के लिए बैंक द्वारा आवश्यक दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियों को उप-पंजीयक कार्यालयों से प्राप्त करने के लिए शुल्क भी माफ कर दिया जाएगा। कानूनी परामर्श शुल्क भी अधिकतम 1,000 रुपये के लिए मानकीकृत है, जिसे राज्य सरकार बैंकों को प्रतिपूर्ति करेगी। पात्र पाए जाने पर और पहले उपलब्ध नहीं होने पर लाभार्थी ग्रामीण स्वच्छता, पेयजल, ग्रामीण विद्युतीकरण की प्रासंगिक योजनाओं के तहत भी सहायता प्राप्त कर सकते हैं। निर्माण के पूर्व-निर्धारित चरण की उपलब्धि पर 2/3 किश्तों में ऋण जारी किया जाएगा।लाभार्थी चाहे तो 10 वर्ष की निर्धारित अवधि से पहले ऋण राशि का पुनर्भुगतान कर सकता है। वे अधिक ईएमएल का भुगतान करने का विकल्प भी चुन सकते हैं। इस अवधि के लिए बैंक द्वारा नो-प्रीपेमेंट शुल्क लगाया जाएगा।
संजय अशोक
वार्ता
image