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पशुधन विकास के लिये नयी योजनायें शुरू करने पर बल

चंडीगढ़,17 जनवरी (वार्ता) हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदेश में पशुधन विकास के लिए नईं योजनाएं क्रियान्वित किये जाने पर बल दिया है ।
श्री आर्य आज यहां हरियाणा पशु चिकित्सा परिषद और पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग, की ओर से प्रकाशित ‘‘प्राकृतिक पशु चिकित्सा पद्धति’’ नामक पुस्तिका का विमोचन करने के बाद पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री ओ.पी. धनखड़ तथा उच्च अधिकारियों से बात कर रहे थे। इस पुस्तिका में पशुओं की सोलह बीमारियों के प्राकृतिक इलाज के बारे में बताया गया है।
उन्होने कहा कि हरियाणा में पशुधन विकास की अपार संभावनाएं है। इन्हीं संभावनाओं को देखते हुए विभाग ने पशु नस्ल सुधार व पशु चिकित्सा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया हैं जिससे राज्य प्रति व्यक्ति दुग्ध उपलब्द्धता में देश में दूसरे स्थान पर है। हरियाणा की मुर्रा भैंस विदेशों में चर्चित है।
श्री आर्य ने कहा कि प्रदेश में गौ-भैंस प्रजनन व डेरी विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत 24 करोड़ 98 लाख रूपये खर्च किए जा रहे है, जिससे हरियाणा साहीवाल व गिर नस्लों के सुधार पर कार्य होगा, इससे प्रदेश के किसानों की आय भी दोगुणी हेागी।
उन्होने कहा कि पशुपालन के क्षेत्र में हरियाणा का अग्रणी स्थान होने से पशु चिकित्सा के लिए विशेष कदम उठाए जा रहे है।
पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने बताया कि हरियाणा में पशु चिकित्सा के लिए मोबाइल ‘‘वैटेनरी यूनिट’’ योजना शुरू की जा रही है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत विभाग के डॉक्टरों की टीम बीमार पशुओं का इलाज करेगी जिस भी किसान का पशु बीमार होगा यह यूनिट फोन करने पर ही किसान के घर द्वार पर पहुंचेगी।
उनके अनुसार पशु चिकित्सा के क्षेत्र में यह विभाग का एक क्रान्तिकारी कदम है। प्रदेश में गौ-संरक्षण के लिए गौशालाओं को 30 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा रही है। इसके साथ-साथ गौशालाओं मे 90 प्रतिशत की सब्सिडी पर सोलर सिस्टम स्थापित किए जा रहे है।
शर्मा विजय
वार्ता
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