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अमरिंदर सरकार किसान राहत के नाम पर कर रही छलावा :आप

अमरिंदर सरकार किसान राहत के नाम पर कर रही छलावा :आप

चंडीगढ़, 06 फरवरी (वार्ता) आम आदमी पार्टी (आप ) की पंजाब इकाई के प्रधान सांसद भगवंत मान ने कहा है कि राज्य की अमरिंदर सरकार पूर्ण कर्ज माफी से मुकर गई है तथा किसान राहत के नाम पर कुछ किसानों के कर्ज माफ करके उसका लाभ लोकसभा चुनाव में उठाने की कोशिश कर रही है।

श्री मान ने आज यहां कहा कि कर्ज माफी को लेकर गांव-गांव और शहर-शहर कैप्टन सरकार अपनी झूठी उपलब्ध्यिों के होर्डिंग्स और पोस्टर लगवा रही है और सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं। प्रदेश भर के गांवों और कस्बों में यह होर्डिंग्स लगाए जा रहे हैं।

आप के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अब जनता जाग चुकी है और वह इन होर्डिंग्स और पोस्टर्स के झांसे में नहीं आएगी। यह केवल पैसे की बर्बादी है। चुनाव होर्डिंग्स और पोस्टर से नहीं जीता जा सकता है। पंजाब के जो हालात है वे किसी से छिपे नहीं है। पंजाब देश के सर्वाधिक ग्रामीण ऋण ग्रस्तता वाले राज्यों में शामिल है।

उन्होंने बताया कि यहां के किसानों पर करीब एक लाख करोड़ का कर्ज है। इनमें संस्थागत ऋण 80,000 करोड़ रुपये और गैर-संस्थागत ऋण 20,000 करोड़ रुपये आंकी गई है।यही वजह है कि यहां किसान आत्महत्या दर लगातार बढ़ रही है। अब तक यहां 430 किसान कर्ज के चलते आत्महत्या कर चुके हैं। इसके बावजूद कैप्टन सरकार किसानों के साथ छलावा करने से बाज नहीं आ रही है।

उन्होंने कहा कि आप पार्टी किसानों के हक में आवाज बुलंद कर रही है उससे पार्टी के प्रति किसानों को विश्वास बढ़ा है। पार्टी किसानों के लिए अपना संघर्ष जारी रखेगी।

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और प्रदेश सरकार किसानों के साथ ठगी कर रही है। कर्जमाफी के बड़े-बड़े सपने दिखाकर यह सरकारें अपने ही वायदों से मुकर रही है।

श्री मान ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की कैप्टन सरकार की असलीयत को प्रदेश का आम और गरीब किसान अब जान गया है। वह उसे सबक सिखाने के लिये तैयार है।दोनों ही सरकारों ने किसानों को पूर्ण कर्जमाफी के बड़े-बड़े सपने दिखाकर वोट लिये और अब ये अपने वादे से मुकर चुकी हैं। पूर्ण कर्जमाफी की बात को पूरी तरह भुला दिया है। किसान नाराज नहीं हो इसके लिये उन्हें अब किसान राहत के नाम पर गुमराह किया जा रहा है। सरकार की इन नीतियों के कारण किसान खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है।

श्री मान ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान निधि की घोषणा ने पंजाब में किसानों को निराश किया है। इस योजना में छह हजार रुपये प्रतिवर्ष राशि देने की जो घोषणा की है वह बहुत कम है। मात्र 500 रुपये महीने किसान को सुनिश्चित आय का वायदा कर सरकार उन्हें आत्म निर्भर या उनकी हितैषी होने का झांसा दे रही है। केंद्र सरकार की नीयत में खोट का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने स्वामीनाथन कमेटी सिफारिशें लागू नहीं की। इस कमेटी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य में लागत पर 50 फीसदी किसान का लाभांश जोडऩे की महत्वपूर्ण सिफारिश की थी। यदि इसे लागू किया जाता है तो किसान को उसकी फसल का उचित मूल्य मिल सकेगा।

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