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प्राइवेट कंपनियों से सरकार की मिलीभगत के कारण पंजाब में बिजली मंहगी :चीमा

चंडीगढ़, 9 फरवरी (वार्ता) पंजाब में बिजली महंगी होने का कारण कैप्टन अमरिंदर सरकार की प्राइवेट कंपनियों से मिलीभगत है जिसका खामियाजा आम जनता भुगत रही है ।
उन्होंने आज यहां कहा कि मंहगी बिजली के मुद्दे पर पार्टी का आंदोलन जारी रहेगा तथा पार्टी गांव तथा व शहर स्तर पर कमेटियां बना कर आम लोगों तक पहुंचेगी और लोगों को असलियत बतायेगी ।
प्रतिपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि बिजली की महंगी दरों से हर वर्ग परेशान है। शहरों से लेकर गांवों तक गरीब लोगों के साथ-साथ नौकरी पेशा, दुकानदार, व्यापारी और उद्योगपति भी बिजली की महंगी दरों से परेशान हैं।
उन्होंने कहा कि गांवों तथा शहरों के लोगों की बिजली संबंधी शिकायतों को सुनने के लिये पार्टी के एक लाख कार्यकर्ता वालंटियर जमीनी स्तर पर कार्य करेंगे। दिल्ली के बिजली आंदोलन में काम कर चुके माहिर प्रशिक्षण देकर पंजाब में 5000 वालंटियरों को मास्टर ट्रेनर बनाऐंगे।
उन्होंने कहा कि इस आंदोलन की शुरुआत शुक्रवार को पार्टी प्रधान भगवंत मान ने संगरूर से और आज विधायक सरबजीत कौर माणूंके ने लुधियाना क्षेत्र के गांवों में जा कर लोगों की मुश्किलें सुनी।
आप नेता के अनुसार पार्टी के वालंटियर आम उपभोक्ताओं को बताऐंगे कि किस तरह सरकार फालतू टैक्स लगा कर उनसे अधिक पैसे वसूल रही है। दिल्ली और पंजाब में बिजली दरों के अंतर को भी लोगों के समक्ष पेश किया जायेगा ।लोगों को महंगी बिजली मिलने का असली कारण कैप्टन सरकार की प्राईवेट बिजली कंपनियों के साथ मिलीभगत है।
उन्होंने बताया कि कैप्टन सरकार चुनाव से पहले लोगों के साथ किए वायदे पूरे करने में नाकाम साबित हुई है और आप पार्टी लोगों की आवाज बन कर सरकार तक पहुंच करेगी। दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल सरकार बनने से पहले कांग्रेस और भाजपा की साठगांठ से बिजली कंपनियां लोगों से महंगी दरें वसूल करती थीं लेकिन श्री केजरीवाल ने इसे दुरूस्त कर दिल्ली में सस्ती बिजली मुहैया करवाई है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली इस समय देश में सब से सस्ती बिजली मुहैया कराने वाला राज्य है, जबकि पंजाब के पास अपने स्रोत होने के बावजूद भी देश में सब से महंगी बिजली दरें हैं। पार्टी मौजूदा सरकार की निजी बिजली कंपनियों से साथ मिलीभगत को विधानसभा के अंदर और बाहर जोर -शोर के साथ उठायेगी। विधानसभा के बजट सत्र में भी इस मुद्दे को उठाया जाएगा और सरकार से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।
शर्मा विजय
वार्ता
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