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हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध हटाने की मांग

चंडीगढ़, 03 मार्च (वार्ता) हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों में हिस्सा लेने पर 1980 से लगा प्रतिबंध हटाने की मांग एक वकील ने की है।
हरियाणा एवं पंजाब उच्च न्यायालय के वकील हेमंत कुमार ने आज यहां जारी बयान में कहा कि सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने सम्बन्धी तत्कालीन राज्य सरकार की तरफ से जनवरी, 1967 में जारी एवं अप्रैल, 1980 तथा 2016 में दोहराये गए सरकारी निर्देश आज तक लागू हैं व इन्हें हटाना चाहिए।
श्री कुमार के अनुसार हरियाणा में सरकारों की आज तक जारी हिदायतों का अवलोकन करते हुए उन्हें दो अप्रैल 1980 को हरियाणा सरकार की तरफ से जारी एक सरकारी आदेश की प्रति मिली जिसमें सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस एवं जमात-ए-इस्लामी की गतिविधियों में भाग लेने पर उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश जारी रहने संबंधी हिदायत दी गयी थी। हालांकि सर्वप्रथम हरियाणा में 11 जनवरी, 1967 को जारी निर्देश में इस तरह का प्रतिबंध लगाया गया था। चूंकि राज्य सरकार ने पंजाब सरकारी कर्मचारी (आचार) नियमावली, 1966 (उस समय हरियाणा पर भी लागू) के नियम 5 (1) के तहत आरएसएस को भी राजनीतिक संगठन माना था एवं इसकी गतिविधियों में भाग लेने पर सरकारी कर्मचरियों के विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए थे।
यह प्रतिबंध 4 मार्च, 1970 को एक अन्य सरकारी आदेश जारी कर हटाया गया था क्योंकि तब एक संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित था। इसी संदर्भ में 2 अप्रैल, 1980 को जारी एक सरकारी पत्र में स्पष्ट किया गया कि सुप्रीम कोर्ट में एक सम्बंधित मामले के लंबित होने के कारण हरियाणा में आरएसएस एवं जमात-ए-इस्लामी की गतिविधियों में भाग लेने पर सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने पर कोई रोक नहीं होगी।
एडवोकेट हेमंत के अनुसार उन्हें आश्चर्य इस बात को लेकर हुअा कि आरएसएस प्रचारक मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में हरियाणा में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बावजूद यह प्रतिबंध नहीं हटाया गया हालांकि वर्तमान हरियाणा सरकार ने जुलाई, 2016 में राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए अलग सेवा नियम बना कर लागू कर दिए हैं परन्तु हरियाणा सिविल सेवा (सरकारी कर्मचारी आचार) नियमावली, 2016 का नियम 9 (1) इससे पूर्व में लागू पंजाब सरकारी कर्मचारी (आचार) नियमावली, 1966 के नियम 5 (1) के बिलकुल सामान है एवं जिसके तहत तत्कालीन हरियाणा सरकार ने वर्ष 1967 में आरएसएस को राजनीतिक संगठन माना था एवं सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने सम्बन्धी निर्देश दिया था।
श्री कुमार ने कहा कि उक्त निर्देश वापस लेने की मांग करते हुए उन्होंने पिछले महीने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आदि को सभी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर अवगत करवाया परंतु आज तक उन्हें इस संबंध में कोई जवाब नहीं आया है।
कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने जमात-ए-इस्लामी, जम्मू एवं कश्मीर को पांच वर्ष के लिए प्रतिबंधित किया है। एडवोकेट कुमार के अनुसार इसके दृष्टिगत आरएसएस का नाम हरियाणा सरकार की तरफ से 1967 के जिस आदेश के तहत जमात-ए-इस्लामी के साथ जोड़ा गया है, उसे वहां से तत्काल हटाना और भी आवश्यक हो गया है।
महेश विजय
वार्ता
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