राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Jun 23 2019 10:30PM --इस बीच पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता और आम आदमी पार्टी (आप) नेता हरपाल सिंह चीमा ने इस घटना की उच्च न्यायालय के किसी मौजूदा न्यायाधीश से जांच करवाने के साथ-साथ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे की मांग की। श्री चीमा ने मोगा में कहा कि प्रदेश में कानून और व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है तथा उच्च सुरक्षा वाले जेल तक में कोई सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हत्या के पीछे गहरी साजिश लगती है जिसका खुलासा केवल न्यायिक जांच से हो सकता है। अमृतसर से भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांता चावला ने घटना को पंजाब की कानून व्यवस्था पर काला धब्बा बताया। श्रीमती चावला ने जारी बयान में कहा कि इससे एक बार फिर साबित हो गया कि पंजाब की जेलों में राजनेताओं के पाले हुए कैदी, अपराधी जो चाहे कर सकते हैं और जिसे चाहे पिटवा या मरवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी बहुत सी घटनाएं हुईं जहां जेल में ही विरोधियों को खत्म कर दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि जेलों में नशे तथा अन्य आपत्तिजनक सामग्री भी राजनीति के ठेकेदारों और अपराधियों की मिलीभगत का ही नतीजा है। श्रीमती चावला ने कहा कि मुख्यमंत्री केवल हत्यारों पर पर्चा ही दर्ज न करें, जांच यह करवाएं कि इसके पीछे षड्यंत्र किसका है और दंड षड्यंत्रकारी को दिया जाए। उन्होंने इसके साथ ही मोगा में कथित रूप से पुलिस के सामने शमशेर सिंह की हत्या के मामले में कहा कि अगर यही पंजाब में कानून का राज है और यही पुलिस की कारगुजारी है तो अच्छा हो कानून व्यवस्था की रक्षा करने के नाम पर लोगों को सामने मरवाने वाली पुलिस की दुकानें ही बंद कर दी जाएं।सं महेशवार्ता