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नशा तस्करी को मानसून सत्र में विशेष मुद्दा बनाएगा इनेलो : अभय चौटाला

सिरसा, 17 जुलाई (वार्ता) इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) नशा तस्करी काे हरियाणा विधानसभा के दो अगस्त से शुरू होने वाले मानसून सत्र में विशेष मुद्दा बनायेगा।
यह जानकारी इनेलो के वरिष्ठ नेता एवं विधायक अभय सिंह चौटाला ने आज यहां एक प्रेसवार्ता में संवाददाताओं को दी।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में नशा तस्करी सरकारी संरक्षण में हो रही है जिससे पुलिस कार्यवाही करने के प्रति बेबस है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में नशा तस्करी इस कदर बढ़ चुकी है कि स्कूली बच्चे व महिलाएं भी इसमें संलिप्त हो गई हैं।
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल के समय में लागू हुई शराबबंदी के वक्त शराब व मादक पदार्थ की तस्करी को पिछले दो साल में हुई मादक तस्करी ने पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने नशा तस्करी में भाजपा के नेताओं की भागीदारी का आरोप भी जड़ा और दावा किया कि उन्होंने ऐसे लोगों की सूचि विधानसभा के पटल पर बहुत समय पहले रखी थी मगर सरकार ने उसको गंभीरता से नहीं लिया।
श्री चौटाला ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार किसान विरोधी है। उन्होंने कहा कि सरकार सतलुज यमुना लिंक नहर निर्माण को लेकर संजीदा नहीं है जिससे बार-बार उच्चतम न्यायालय को हसतक्षेप करना पड़
रहा है। उन्होंने कहा कि हाल ही में उच्चतम न्यायालय के दिए गए आदेशों पर अम्ल करने की बजाय प्रदेश के मुख्यमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि सतलुज यमुना लिंक नहर के निर्माण से प्रदेश की 36 लाख एकड़ भूमि सिंचित होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि किसान हित के इस मसले पर इनेलो राजनीति से ऊपर उठकर सरकार का साथ देने को तैयार है और मांग की कि प्रदेश सरकार इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाए और साथ ही प्रधानमंत्री से मिलने का समय ले ताकि उनसे प्रदेश के किसानों के हकों की बात की जा सके। भाजपा द्वारा जलयात्रा निकालने को उन्होंने हास्यास्पद बताया।
श्री चौटाला ने बरसात से अम्बाला, गुहला चीका क्षेत्र के अलावा अन्य क्षेत्रों में डूबी फसल की विशेष गिरदावरी करवाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि इसके अलावा शहरी व निचले क्षेत्रों मे जलभराव की स्थिति को लेकर राज्य सरकार को पुख्ता प्रबंध करने चाहिए। उन्होंने किसानों को धान चावल की फसल को न बोने के प्रति पांबद करने को गलत ठहराते हुए मक्का के बीज देने की बात को हास्यास्पद बताया। उन्होंने राज्य सरकार के नगर परिषद व नगरपालिकाओं के वर्ष में दो सत्र बुलाने के प्रस्ताव को हास्यस्पद बताते हुए कहा कि जब हर माह इनकी बैठकें होती हैं तो साल में दो सत्र बुलाने का औचित्य कहां रह जाता है।
सं महेश विक्रम
वार्ता
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