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युवा वर्ग देश के नवनिर्माण और प्रगति के लिये कार्य करे: आर्य

जींद, 22 जुलाई(वार्ता) हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा है कि भारत प्रतिभाशाली युवाओं का देश है जिन्होंने बड़ी-बड़ी कम्पनियों, खेल, शिक्षा, चिकित्सा और अन्य क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा के बल पर पूरे विश्व में धाक जमाई है और देश का नाम रोशन किया है। इसलिए युवा वर्ग देश के नवनिर्माण और प्रगति के लिए कार्य करें।
श्री आर्य ने आज यहां चैधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में पौधारोपण, टीचिंग ब्लॉक-एक विस्तार और एसटीपी का उद्घाटन करने के उपरांत दूसरे दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों एवं अन्य लोगों को सम्बोन्धित करते हुये यह बात कही। समारोह में बतौर विशिष्ठ अतिथि प्रसिद्ध राष्ट्रीय चिंतक एवं समाज सुधारक इन्द्रेश कुमार, जींद के विधायक डॉ. कृष्ण लाल मिढ़ा, उचाना की विधायिका प्रेमलता, कुलपति डा0 राजबीर सोलंकी तथा अन्य गणमान्य मौजूद थे।
राज्यपाल ने इस अवसर पर इंद्रेश कुमार को पीएचडी की मानक उपाधि देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर स्नातक, स्नातकोत्तर, एमफिल, पीएचडी की 983 डिग्रियां प्रदान की गई। इनमें से 82 स्नातकों को 878 स्नातकोत्तर, 21 एमफिल तथा दो पीएचडी की उपाधियां प्रदान की गई। इसके साथ 35 गोल्ड मैडलिस्ट विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया। इस मौके पर स्मारिका एवं विश्वविद्यालय कुलगीत का विमोचन भी किया गया।
श्री आर्य ने अपने सम्बोन्धन में कहा कि देश के युवाओं में अपार प्रतिभा है। युवाओं ने विभिन्न क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन कर देश का नाम विश्वपटल पर गौरवान्वित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि किसी भी विद्र्यार्थी के लिए डिग्री प्राप्त करना जीवन में मील का पत्थर होता है इसलिए आज जिन युवाओं ने डिग्रियां हासिल की है वे भी राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देकर अपनी महता साबित करेंगे। उन्होंने कहा कि देश का भविष्य युवाओं के कंधों पर टिका हुआ है। निश्चित रूप से देश एक बार फिर से विश्वगुरू बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशहित में कौशल विकास, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, जल शक्ति अभियान, स्वच्छ भारत मिशन जैसे कार्यक्रम और अनेकों जन कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। इन कार्यक्रमों की सफलता छात्र, छात्राओं एवं शिक्षण संस्थाओं के माध्यम से निहित है इसलिए उन्होंने अनुरोध किया कि वे इन कार्यक्रमों और जन कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का काम करेें।
उन्होंने बाबा साहिब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को याद करते हुए कहा कि शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो की विचारधारा से जीवन में सफलता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अनुशासन देश को महान बनाता है, इसलिए विद्यार्थी अपने माता-पिता, गुरूजनों का आदर कर अनुशासित तरीके से अपना जीवन यापन करें। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसत्ता, राष्ट्रीय एकता के लिए जागरूक रहने की अत्यंत आवश्यकता है।
राज्यपाल ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी दीनदयाल उपाध्याय का मत रहा कि शिक्षा का व्यवसायीकरण नहीं होना चाहिए। शिक्षा से व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास होता है। प्राचीनकाल में भारत विश्वगुरू के तौर पर पहचाना जाता था और काशी, तक्षशिला, नालंदा, प्रयाग, मिथिला आदि प्रमुख शिक्षा के केन्द्र विश्वभर के विद्वानों के बीच आकर्षक का केन्द्र हुआ करते थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में देश में क्रांतिकारी बदलाव करके सूचना तकनीक, ऑनलाईन सुविधाओं, कौशल विकास व अनुसंधान पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा ने शिक्षा के क्षेत्र में काफी प्रगति की है। उन्होंने लोगों से कहा कि स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद के आदर्शों को अपनाते हुए दहेज, भष्ट्राचार, नशा और अन्य सामाजिक बूराईयों के विरूद्ध तथा राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायें।
रमेश2015वार्ता
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