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कानून में संशोधन को मंत्रिमंडल की हरी झंडी

चंडीगढ़,05 अगस्त(वार्ता)पंजाब विधानसभा में प्रस्तावित बिल के पास हो जाने के बाद पंजाब के मंत्रियों और विपक्ष के नेता को मिल रहे वेतन तथा अन्य सुविधाओं पर आयकर नहीं देना पड़ेगा।
इस आशय का निर्णय मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया । मंत्रिमंडल के 19 मार्च, 2018 के फ़ैसले से पायी गई कमियों को दूर करने का फ़ैसला किया गया है।
मुख्यमंत्री ने पहले मंत्रियों के वेतन और भत्तों पर कर का बोझ डालने के फ़ैसले का ऐलान किया था । इसमें ज़रूरी संशोधन करते हुए ‘दी ईस्ट पंजाब मिनिस्टर्ज़ सैलरीज़ एक्ट, 1947 ’ की समूची धारा -2सी हटा दी थी । सभी मंत्रियों आदि के सभी पर्कस भी आयकर के घेरे में आ गए थे जिस कारण कुछ मामलों में कर की देनदारी वेतन की अपेक्षा भी बढ़ गई थी।
ज्ञातव्य है कि 1947 से पंजाब सरकार मंत्रियों के वेतन/भत्तों और सुविधाओं पर टैक्स का भुगतान करती आ रही थी। अमरिन्दर सरकार ने पिछले साल कानून में संशोधन करने का फ़ैसला लिया था। धारा -2सी के तहत मुख्यमंत्री, मंत्री, उप-मंत्रियों और विपक्ष के नेता के वेतन, भत्तों, मुफ़्त घर और अन्य सुविधाओं पर आयकर का भुगतान राज्य सरकार करती थी।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार बैठक में धारा 2-सी, कानून में शामिल करने का फ़ैसला किया है। इसके तहत केवल वेतन और भत्तों पर मंत्रियों द्वारा आयकर का भुगतान ख़ुद किया जायेगा । प्रस्तावित धारा के अनुसार मंत्रियों को मिलता मुफ़्त तैयार घर और अन्य सुविधाओं पर आयकर का भुगतान सरकार की तरफ से किया जायेगा।
प्रवक्ता के अनुसार ‘दी ईस्ट पंजाब मिनिस्टजऱ् सैलरीज़ एक्ट, 1947 ’ के संधोधित बिल का मसौदा सदन में रखा जाये।
ज्ञातव्य है कि विधायकों के वेतन और भत्तों पर आयकर अभी राज्य सरकार अदा करती है।
शर्मा
वार्ता
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