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भाजपा ऐसे मुद्दे उठा रही है जिसका जनता की जिंदगी से कोई लेना देना नहीं:खेड़ा

चंडीगढ़, 17 अक्तूबर(वार्ता) अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आस कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय नेता हरियाणा में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान ऐसे मुद्दे उठा रहे हैं जिनका राज्य की आम जनता की रोजमर्रा की जिंदगी से कुछ लेना देना नहीं है।
श्री खेड़ा ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चुनाव दो मुद्दों पर लड़ा जाता है, पिछले पांच साल का हिसाब-किताब और अगले पांच साल की प्रस्तावित नीति। कांग्रेस ने गत दस दिन खट्टर सरकार की पिछले पांच साल की असलीयत वोटर के सामने रखी और अपनी अगले पांच साल की प्रस्तावित योजनायें जनता से साझा कीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां आकर हरियाणा की जनता को कथित तौर पर गुमराह करते हैं कि भारत का पानी पाकिस्तान में नहीं बहने देंगे और उसे रोक देंगे। वह प्रधानमंत्री से यह पूछना चाहते हैं कि वह कौन से पानी की बात कर रहे हैं-पूर्वी नदियों, रावि, ब्यास और सतलुज की या पश्चिमी नदियों की? पूर्वी नदियां जाेकि भारत के हिस्से में आती हैं और उनका 95 प्रतिशत पानी की खपत भारत में हो रही है, शेष पांच प्रतिशत उपयोग में लाने के लिए कांग्रेस की सरकारों ने तीन परियाजनाएं बनाईं थीं। यह परियोजनाएं शाहपुर-कांडी, रावी-ब्यास द्वितीय लिंक, उझ परियोजना। इन परियोजनाओं को केंद्र की पिछली संप्रग सरकार ने राष्ट्रीय परियोजनाओं का दर्जा दिया और तमाम तकनीकी रूपरेखा तैयार की।
श्री खेड़ा के अनुसार प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हरियाणा में आकर जनता के सामने अनुच्छेद 370 हटाने को बार बार उठा रहे हैं लेकिन वह उन्हें यह बता देना चाहते हैं कि अनुच्छेद 370 को 12 बार कांग्रेस की सरकारों ने संशोधित कर हल्का किया और वह भी बिना ढोल पीटे जैसे कि भाजपा कर रही है।
हरियाणा में सरकारी भर्तियों में परदर्शिता और योग्यता के आधार पर नौकरी देने सम्बंधी श्री खट्टर के बयान को लेकर उन्होंने कहा कि जिस राज्य में नवीं कक्षा की परीक्षा तक के पर्चे लीक हो गए हों उस राज्य के मुख्यमंत्री को बोलने से पहले दस बार सोचना चाहिए। जहां सरेआम भर्तियों में भ्रष्टाचार करते हुए अधिकारी रंगे हाथों पकड़े गए हों वहां के मुख्यमंत्री को पहले हरियाणा की जनता से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने दस साल के शासन में भर्तियों के सिस्टम को दुरुस्त किया जिसका नतीजा यह है कि जेबीटी की भर्तियों पर अभी 2017 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने स्थग्नादेश हटाया और तमाम नियुक्तियों की मंजूरी दी तथा इनमें कहीं कोई त्रुटि नहीं मिली। वहीं खट्टर सरकार का रिकार्ड भर्तियों के मामले में किसी से छिपा नहीं है।
श्री खेड़ा ने कहा कि भाजपा नेता किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की बात करते हैं लेकिन यह बात राज्य के किसान कभी नहीं भूल सकते कि कांग्रेस के समय खेत की मेढ़ पर लगे पॉपलर के वृक्ष को बेचकर बच्ची की शादी कर पाते थे और आज उस पॉपलर के वृक्ष और पत्तों का कोई खरीददार नहीं रहा। वही हाल कपास का है, कहां कांग्रेस के समय में कपास 7500 रूपए प्रति क्विंटल में बिकती थी, आज कपास को कोई पूछ ही नहीं रहा है। गन्ना किसान की दयनीय स्थिति दिल्ली में बैठे शाह और शहंशाह की जोड़ी को नहीं दिख रही। कांग्रेस की सरकार में किसान को धान की कीमत 5500 रूपए प्रति क्विंटल मिलती थी, आज किसान उसी धान को उससे आधी कीमत पर बेचने को मजबूर है।
आखिर कुछ कारण तो रहे होगें कि कांग्रेस की दस साल की सरकार के दौरान कोई किसान आंदोलन नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का घोषणापत्र पढ़ कर खट्टर साहब की रात की नींद उड़ गई है। “ वह हमसे पूछ रहे हैं कि बुजुर्गों को पैंशन क्यों देना चाहते हो, बेरोजगारों को भत्ता क्यों देना चाहते हो, महिलाओं को मुफ्त परिवहन व्यवस्था क्यों देना चाहते हो, पूछ रहे हैं ये पैसा आयेगा कहां से? उससे ज्यादा महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि यह पैसा जा कहां रहा है। यह हमारे अपने हरियाणा के बुजुर्गों , नौजवानों , महिलाओं , किसानों के पास जाएगा, इस पर उन्हें आपत्ति क्यों है?
रमेश2015वार्ता
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