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हरियाणा एलवाईएल से रावी-ब्यास में अपने हिस्से का पानी लेने के लिये कृतसंकल्प: आर्य

चंडीगढ़, 05 नवम्बर(वार्ता) हरियाणा के राज्यपाल श्री सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा है कि राज्य सरकार एसवाईएल के माध्यम से रावी ब्यास नदियों में अपने हिस्से का पानी लेने के लिये कोई कसर बाकी नहीं रखेगी तथा इस सम्बंध में उच्चतम न्यायालय में मामले में पुरजोर पैरवी करेगी।
श्री आर्य ने राज्य की 14वीं विधानसभा के दूसरे दिन अपने नव-निर्वाचित सदस्यों को सम्बोधित करते यह बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार हांसी-बुटाना बहुउद्देश्यीय लिंक चैनल के शीघ्र परिचालन के लिए भी उच्चतम न्यायालय में मामले की मुस्तैदी से पैरवी करेगी। राज्य में डार्क जोन घोषित किये जा चुके क्षेत्रों में पानी पहुंचाने के लिये यमुना और इसकी सहायक नदियों पर रेणुका, किशाऊ और लखवार व्यासी तीन बड़े बांधों का निर्माण करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि अंतरराज्यीय सहमति होने के बाद राज्य सरकार शिवालिक की निचली पहाड़ियों में 12 भंडारण बांधों का निर्माण करेगी तथा जल संरक्षण को बढ़ावा देगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुणी करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अतिरिक्त कृषि विकास और किसानों का कल्याण राज्य सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक होगा। उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में किसानों को 30 नवम्बर, 2019 से पहले कर्ज भुगतान में चूक सम्बंधी तीन एकमुश्त निपटान योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करें। अब तक इन योजनाओं के तहत लगभग 75,000 किसानों ने 220 करोड़ रुपये का सम्पूर्ण ब्याज और दंड ब्याज माफी का लाभ उठाया है। इससे ये किसान अब सहकारी बैंक तथा समितियों से फसली एवं अन्य ऋण लेने के पात्र हो गए हैं।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत रबी 2018-2019 में किसानों के 1998 करोड़ रुपये के दावों का निपटान किया गया जबकि किसानों ने बीमा किश्त के रूप में 646 करोड़ रुपये अदा किए। इसी प्रकार,राज्य में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 14 लाख से अधिक किसानों को सालाना 6000 रुपये की आर्थिक सहायता मिल रही है और प्रधानमंत्री मान धन योजना के तहत 3.90 लाख किसान पंजीकृत हैं। इस योजना में उन्हें 60 साल की आयु के बाद 3000 रुपये मासिक पैंशन दी जाती है।

राज्य के किसानों को उनकी फसलों का लाभदायक मूल्य सुनिश्चित करने राज्य सरकार की योजना का जिक्र करते हुए श्री आर्य ने कहा कि फसलों का लाभदायक मूल्य सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा की देशभर में अनूठी पहचान है। उन्होंने कहा कि सरकारी एजेंसियों ने न केवल गेहूं और धान की, बल्कि दूसरी फसलों जैसे कि सरसों, सूरजमुखी, बाजरा, मूंग, मक्का आदि की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर तत्परता से खरीद की है। यही नहीं, आलू, टमाटर, फूलगोभी और प्याज की फसल के लिए भावांतर भरपाई योजना भी लागू की गई है। राज्य सरकार इन प्रयासों को जारी रखेगी और अमरूद, गाजर और मटर को भी भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत लाया जाएगा। सरकार इनके अलावा पिंजौर में आधुनिक सेब मंडी, गुरुग्राम में फूलों की मंडी और सोनीपत में मसाला मंडी भी स्थापित करेगी। इसके साथ ही गन्नौर में अंतरराष्ट्रीय बागवानी मंडी के विकास की गति और तेज की जाएगी।
रमेश1952जारी वार्ता
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