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केरल विधानसभा में सीएए के खिलाफ पारित प्रस्ताव के समर्थन में आगे आये कैप्टन अमरिंदर

केरल विधानसभा में सीएए के खिलाफ पारित प्रस्ताव के समर्थन में आगे आये कैप्टन अमरिंदर

चंडीगढ़, 03 जनवरी (वार्ता) पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ केरल विधानसभा में पारित प्रस्ताव के समर्थन में आगे आते हुए आज केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से कहा कि प्रस्ताव जनता की आवाज है और केंद्र को इसे सुनना चाहिये।

श्री प्रसाद को लिखे एक पत्र में कैप्टन अमरिंदर ने कानून मंत्री की हालिया टिप्पणी कि “सीएए का विरोध करने वाले राज्यों के नेताओं को कानूनी सलाह लेनी चाहिए“ का जवाब देते हुए कहा कि राज्यों ने पहले ही कानूनी सलाह ली हुई है। उन्होंने कहा कि केरल विधानसभा का प्रस्ताव लोगों की इच्छा और सोच का प्रतिनिधित्व करता है।

उन्होंने कहा कि राज्यों के प्रमुखों के रूप में “हम न तो अज्ञानी हैं और न भ्रमित“। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों पर कानून थोपे नहीं जा सकते और सभी अधिकारों के साथ संसदीय अधिकार भी जिम्मेदारी के साथ इनके इस्तेमाल करने के कर्तव्य के साथ आते हैं।

कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि कानून मंत्री ने अनुच्छेद 245 के तहत नागरिकता के संबंध में कानून बनाने का अधिकार केवल संसद के पास होने की बात कही थी पर वह केरल विधानसभा में पारित प्रस्ताव के मूल को समझ नहीं पाये। केरल विधानसभा में कोई नागरिकता कानून पारित नहीं किया गया। प्रस्ताव में भारत सरकार से (संसद के जरिये जहां कि वह बहुमत में है) सीएए में संशोधन के लिए कहा गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “एक कानून मंत्री और वकील हेने के नाते आप जानते ही होंगे कि प्रस्ताव संसद को संबोधित है जो सरकार के प्रस्ताव/विधेयक पर आधारित कानून संशोधित या रद्द कर सकती है।“

महेश विक्रम

जारी वार्ता

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