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जंगली सूअरों के आंतक से परेशान गन्ना किसान

जालंधर 15 जनवरी (वार्ता) पंजाब में सर्दियों के मौसम में जंगली जानवरों विशेषकर जंगली सूअरों के मैदानी इलाकों की ओर रूख करने से गन्ने तथा गेहूं की फसलों को नुकसान हो रहा है और किसानों की रातों की नींद हराम हो चुकी हैं। कड़ाके की ठंड और धुंध के कारण जंगली सुअर, सांभर, नील गाय तथा कई प्रकार के अन्य हिंसक जानवर भटक कर शहरी तथा ग्रामीण इलाकों में पहुंच रहे है।
सरकार द्वारा शिकार पर लगाए प्रतिबंध के कारण पंजाब के कंडी, मालवा और सीमावर्ती इलाकों के साथ साथ अब जालंधर में भी जंगली जानवरों की आबादी काफी बढ़ गई है जो फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। पंजाब के आनंदपुर साहिब, फिरोजपुर, नवांशहर, पटियाला, रोपड़, संगरूर, मनसा, लुधियाना और शिवालिक की तलहटी से सटे जिले सबसे ज्यादा पीड़ित हैं। जिला जालंधर के गांव रानी भट्टी, दमुहा, अमलोह, सीतलपुर, सत्तोवाली, कराड़ी, निजामदीनपुर , रसूलपुर, दोदे, तलवंडी, गोपालपुर, संघवाल, गढ़ी बक्श, कदाला गुरू, चकराणा और मुस्तफापुर के गांव जंगली सूअरों के आंतक से परेशान हैं। कराड़ी और रानी भट्टी में लगभग दो साल पूर्व शूकरों के हमले में एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है।
रानी भट्टी के गन्ना किसान राजेश चंद्र ने बताया कि सूअरों के आंतक से उन्होंने सुबह और शाम की सैर करने के अलावा देर शाम तक खेतों में काम करना बंद कर दिया है। उन्होंने बताया कि वन संरक्षित क्षेत्रों के अंदर जंगली सूअरों के लिए पर्याप्त भोजन न होने के कारण वे गांवों में पहुंच रहे है। सूअरों सहित अन्य जंगली जानवर गन्ने के खेतों में छुपे रहते हैं जिन्हे ढूंढ कर भगाना किसानों के लिए संभव नहीं है। पंजाब में पारंपरिक शिकारियों की कमी के चलते सूअरों के आंतक में दिनों दिन बढोतरी हो रही है। जंगली सूअर हिंसक तथा गिरोह में चलने वाला जानवर है जिनका मुकाबला करना आम इंसानों के लिए संभव नहीं है।
राज्य सरकार अवारा पशुओं को भी नहीं रोक पाई है। यह पशु दिन के समय सड़कों पर दुर्घटनाओं का कारण बनने के साथ साथ रात के समय में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे है। अधिकारिक रिपोर्ट अनुसार राज्य में एक लाख दस हजार अवारा पशु सड़कों पर घूम रहे हैं।
ठाकुर राम
जारी वार्ता
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