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नौजवान गेहूं के ज्वारे का जूस पिलाकर कैंसर के मरीजों सहित लोगों की कर रहे सेवा

मुक्तसर 24 जनवरी (वार्ता) पंजाब के मुक्तसर जिले के हुसनर गांव के कुछ नौजवान कड़ाके की ठंड में कैंसर तथा शुगर के मरीजों को वीट ग्रास का जूस पिलाकर अपनी सेवायें दे रहे हैं ।
ये नौजवान सुबह चार बजे उठकर गांव के गुरुद्वारा साहिब आकर लोगों के लिये वीट ग्रास का जूस तैयार करके पिला रहे हैं और उनकी सेवा करीब डेढ़ माह से चल रही है। उनका कहना है कि फिलहाल फसल बड़ी हो रही है तथा उनके पास समय भी है जिसका सदुपयोग करके वे गेहूं का सीजन रहने तक यह सेवा जारी रखेंगे।
गांव के नौजवान भूपिंदर बराड़ ने बताया कि गांव के करीब 40 नौजवान सुबह आकर इस सेवा में अपना योगदान देते हैं और वह करीब 350 से 400 लोगों को वीट ग्रास का जूस पिलाते हैं जिसमें कैंसर, शूगर सहित अन्य बीमारियों के मरीज भी आ रहे हैं
भूपिंदर ने बताया कि कैंसर के मरीजों को मुफ्त में वीट ग्रास जूस पिलाने वाले एक व्यक्ति का जज्बा देख उन्हें यह प्रेरणा मिली । वह अपने एक दोस्त के साथ साइकिल पर एक दिन बठिंडा गया तो सुबह के समय एक पार्क के बाहर एक व्यक्ति वीट ग्रास जूस बेच रहा था लेकिन कैंसर के मरीजों को वो मुफ्त में जूस पिला रहा था जबकि अन्य लोगों से 50 रुपए प्रति गिलास वसूल रहा था। उन्होंने भी उस व्यक्ति से जूस पीया व इस बारे जानकारी ली । उसके बाद उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर फैसला किया कि वह भी अब अन्य लोगों के लिए जीने के लिए यह प्रयास करेंगे व लोगों को मुफ्त वीट ग्रास जूस पिलाएंगे।
भूपिंदर ने बताया कि वह अपने साथियों सहित गांव में रक्तदान शिविर व पौधे लगवाने के साथ साथ ओर भी समाज भलाई के काम करते रहते हैं। वे बठिंडा से आर्गेनिक गेहूं का बीज लेकर आए तथा अपने एक साथी के घर ट्रे में गेहूं के बीज बोये । जब गेहूं के पौधे कुछ बड़े हो जाते हैं तो वह काटकर गुरुद्वारा साहिब ले जाते हैं। जहां अच्छी तरह साफ करके जूस निकाला जाता है। जूस निकालने के लिए उन्होंने एक देसी मशीन भी तैयार की है जो गांव के एक नौजवान ने तैयार की है। यह जूस गुरुद्वारा साहिब अंदर सुबह 5 बजे मिलना शुरु हो जाता है । जैसे ही लोग गुरुद्वारा साहिब आते हैं तो पहले वह जूस पीते हैं और फिर गुरुघर अंदर बैठकर गुरबानी सुनते हैं।
भूपिंदर ने बताया कि जूस पिलाने का समय सुबह 5 बजे से 7:30 बजे तक रखा गया है। इस तरह यह नौजवान इस गुरुघर से जूस निकालकर गांव के अन्य गुरुघर भी लेकर जाते हैं और वहां भी लोगों को वीट ग्रास जूस पिलाया जाता है। भूपिंदर के अनुसार उनके गांव के अतिरिक्त आस पास के कई गांवों के लोग भी आते हैं। जो जूस पीकर जाते हैं। इसके अतिरिक्त यदि गांव का कोई बीमार या मरीज गुरुघर नहीं आ सकता तो यह नौजवान घर जाकर उस मरीज को जूस पिलाकर आते हैं।
गांव के एक कैंसर पीड़ित मास्टर ने कहा कि वह काफी सालों से कैंसर से पीड़ित है तथा वीट ग्रास जूस पी रहे हैं। जिसके लिए वह खुद अपने घर गेहूं उगाकर जूस निकालते थे, परंतु जब से गांव के नौजवानों ने जूस पिलाना शुरु किया है तो उनको आसानी हो गई है। जिस कारण अब उनको घर जूस नहीं तैयार करना पड़ता। अब वह गुरुद्वारा साहिब में आकर जूस पी लेते हैं। उन्होंने गांव के नौजवानों के इस कार्य की प्रशंसा भी की है।
सं शर्मा
वार्ता
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