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लॉकडाऊन ने बिजली की मांग पर डाला असर, बिजली वितरण कंपनियों को होगा नुकसान

लॉकडाऊन ने बिजली की मांग पर डाला असर, बिजली वितरण कंपनियों को होगा नुकसान

चंडीगढ़, 25 मार्च (वार्ता) कोरोना वायरस के कारण देश में 21 दिनों के लॉकडाऊन से औद्योगिक, वाणिज्यिक और रेलवे के पूरी तरह बंद होने से उत्तरी क्षेत्र में बिजली की मांग में बेहद कमी आई है और मांग में गिरावट प्रदेशों की बिजली वितरण कंपनियों का राजस्व बुरी तरह प्रभावित होगा क्योंकि उनकी आय का बड़ा स्रोत बंद हो गया है।

ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के प्रवक्ता विनोद गुप्ता के अनुसार पंजाब में बिजली की मांग मंगलवार को कम होकर 2900 मेगावाट रह गई जो पिछले शुक्रवार को 5000 मेगावाट थी। इसी तरह बिजली आपूर्ति गिरकर 1050 लाख यूनिट से 700 लाख यूनिट हो गई। कमी का कारण है कि रेलवे, उद्योग और वाणिज्यिक संस्थान यह बिजली खपाते थे। पंजाब स्टेट पॉवर कार्पोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के लिए नुकसान प्रति दिन 20 करोड़ रुपये है।

यही मामला हरियाणा के साथ भी है जहां मंगलवार को बिजली आपूर्ति 850 लाख यूनिट थी जो पांच दिन पहले 20 मार्च को 1175 लाख यूनिट थी। बिजली मांग पांच दिनों में 5800 मेगावाट यूनिट से गिरकर 3800 मेगावाट हो गई है। बिजली वितरण कंपनियों के लिए राजस्व नुकसान प्रति दिन लगभग 18 करोड़ रुपये है।

श्री गुप्ता बताते हैं, नॉर्थन रीजन लोड डिस्पैच सेंटर वेबसाईट के अनुसार क्षेत्र में बिजली की मांग में 11000 मेगावाट से ज्यादा की कमी आई है और पांच दिन पहले जहां यह 41253 मेगावाट थी, अब 30563 मेगावाट रह गई है। कल बिजली आपूर्ति 6950 लाख यूनिट थी जो 20 मार्च को 8660 लाख यूनिट थी।

देश भर के स्तर पर बिजली की मांग 154045 मेगावाट से गिरकर 121937 मेगावाट हो गई है और बिजली आपूर्ति 35560 लाख यूनिट से घटकर 29750 लाख यूनिट रह गई है।

श्री गुप्ता के अनुसार रेलवे, उद्योग और वाणिज्यिक संस्थान जो ज्यादा बिजली खपत वाले क्षेत्र हैं, कम बिजली इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे बिजली वितरण कंपनियों के बड़ी आय के स्रोत बंद हो रहे हैं और दूसरी तरफ निम्न वर्ग के लोग बिजली के बिल नहीं भर पा रहे सो कई वितरण कंपनियों को वेतन वितरण की समस्या आ सकती है। इसके अलावा बिजली वितरण कंपनियां बिजली उत्पादकों को जो भुगतान करती हैं, उसमें भी देरी हो सकती है।

महेश विक्रम

वार्ता

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