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जींद में बनीं नंदीशाला पशुओं के लिये बनी नर्कशाला

जींद, 01 जून(वार्ता) हरियाणा में यहां ऐतिहासिक जयंती देवी मंदिर के सामने बनाई गई नंदीशाला तथा बड़ा बीड वन की नंदीशाला पशुओं के लिए नर्कशाला साबित हो रही है।
दो दिन से बारिश होने के चलते नंदीशालाओं में पानी जमा हो गया जिसने सैंकड़ों गौवंश को परेशानी में डाल दिया। यही नहीं ऐसा कोई ही दिन जाता है जब नंदीशाला में किसी पशु की मौत न होती हो। नंदीशाला में अव्यवस्थाओं के चलते पशुओं की मौत पर श्रद्धालुओं की भावनाएं भी आहत हो रही हैं। इसी को लेकर सोमवार को जयति-जयति हिंदू महान संगठन कार्यकर्ता प्रशासन से मिले और व्यवस्था सुधार की मांग की। कार्यकर्ताओं का कहना था कि ऐसा नहीं है कि इस बारे में प्रशासन को जानकारी न हो लेकिन प्रशासन इसे लेकर आंखें ही मूंदे बैठा है। वह स्वयं नंदीशाला का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा ले चुके हैं और यहां गौवंश की बहुत ही दयनीय हालात है।
गौरतलब है कि जींद की सड़कों पर खुले में घूम रहे गौवंश के लिए ऐतिहासिक जयंती देवी मंदिर के सामने खाली पड़ी जमीन तथा बीड बड़ा वन में नंदीशाला बनाई गई थी। तब श्रद्धालुओं को यह लगा था कि यहां गौवंश की अच्छी से देखभाल होगी और समय-समय पर चारा भी उपलब्ध होगा लेकिन श्रद्धालुओं की भावनाएं तब आहत होने लगी जब यहां गौवंश की मौत होने लगी और इसका सिलसिला आजतक भी जारी है। अब पिछले दो दिनों में हुई बारिश से यहां हालात और भी ज्यादा बदतर हो गए हैं। ऐसा नहीं है कि गौवंश को बचाने को लेकर श्रद्धालुओं द्वारा प्रयास न किए जाते हों, बावजूद इसके यहां व्यवस्थाएं न होने के चलते गौवंश की आए दिन मौत हो रही है।
जयति-जयति हिंदू महान संगठन के संयोजक अतुल चौहान ने बताया कि बारिश के बाद उन्होंने नंदीशाला का दौरा किया तो यहां गौवंश की हालत देख सबके मुंह से आह निकल गई। बारिश के चलते नंदीशालाओं में धरती दलदली हो गई है। जिससे गौवंश ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा है। जिसके चलते गौवंश की लगातार मौत हो रही है। उन्होंने कहा कि गाय को मां का दर्जा दिया गया है। ऐसे में अगर प्रशासन द्वारा नंदीशाला का निर्माण कराया गया है तो इसकी देखभाल भी सही तरीके से की जानी चाहिए लेकिन लचर कार्यशैली के चलते यहां आए दिन गौवंश मर रहा है। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। इससे पहले भी वह कई बार गौवंश की दयनीय स्थिति को लेकर आवाज बुलंद कर चुके हैं और हर बार प्रशासन द्वारा केवल आश्वासन देकर टाल दिया जाता है। आंदोलन करने के बाद कुछ दिन तक तो नंदीशाला में गौवंश का ध्यान रखा जाता है और फिर स्थिति वैसी ही बन जाती है। जिससे श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत होती हैं।
श्री चौहान ने कहा कि नंदीशाला में गौवंश की दयनीय हालात सुधारने को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से मिले हैं और उन्हें पूरी स्थिति से अवगत करवा दिया गया है। अब भी अगर नंदीशाला की व्यवस्थाओं में सुधार नहीं होता है तो वो जींद के सभी श्रद्धालुओं को साथ लेकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे। जिसकी जिम्मेवारी प्रशासन की होगी। उन्होंने कहा कि
नंदीशाला में उचित मात्रा में हरे चारे का प्रबंध किया जाए। गौवंश के लिए चिकित्सक की तैनाती की जाए। गौवंश को समय-समय पर उपचार की सुविधा नंदीशाला में ही उपलब्ध हो। नंदीशाला के चारों तरफ की दीवार को ऊंचा किया जाए। प्रशासनिक अधिकारी समय-समय पर नंदीशाला का जायजा लें।
सं.रमेश1900वार्ता
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