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पंजाब ने बिल पारित करके अपने किसानों से छीन ली आजादी : धनखड़

चंडीगढ़ ,21 अक्तूबर (वार्ता) हरियाणा भारतीय जनता पार्टी के प्रधान ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा है कि पंजाब विधानसभा में कल पारित किये गये बिलों का कोई आधार नहीं है बल्कि इनके जरिए पंजाब ने अपने किसानों की आजादी को छीन लिया ।
श्री धनखड़ ने बुधवार को यहां पंजाब सरकार के कृषि कानूनों को लेकर पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब कांग्रेस सरकार द्वारा लाए गए कानून समाधान नहीं किसानों के लिए बंधन है । सरकारी ख़रीद पूरी होने के बाद यदि किसी किसान ने फसल रखी हुई है और बाहर भाव एमएसपी से कम रह गया तो उसे ख़रीददार ही नहीं मिलेगा । ऐसे में पंजाब सरकार की एक दुकान हर मंडी में एमएसपी ख़रीद के लिये बारह महीना चाहिये अन्यथा यह क़ानून काग़ज़ टुकड़ा मात्र है ।
उनके अनुसार यदि ऐसा नहीं है तो किसान अपनी उपज आपसी सहमति से किसी व्यापारी को कम पर बेच दे और कल को आपसी सहमति बिगड़ जाए तो पंजाब के लगभग हर व्यापारी पर मुकदमे दर्ज होंगे। कांग्रेस किसानों को भ्रम में डालकर अपनी राजनितिक चालें चल रही है । अमरिंदर सरकार ने केवल उन्ही फसलों को केन्द्रित करके कानून बनाया जो केंद्र सरकार खरीदती है । जिन दलहन और तिलहन की फसलों को राज्य सरकार खरीदती है, उन पर एम एस पी की गारंटी को लेकर पंजाब सरकार पतली गली से निकल गई ।
उन्होंने कहा कि केंद्र पंजाब में धान की खरीद के लिए लगभग 32 हजार करोड़ और हरियाणा में साढ़े 12 हजार करोड़ खर्च करता है । फिर भी केवल केंद्र का विरोध करने के नाम पर अपने प्रदेश के किसानों की आजादी छीनते हुए कानून बनाना तर्कसंगत नहीं है । पंजाब सरकार ने कही भी खरीद की गारंटी नही दी है कि केंद्र की खरीद के बाद कौन ख़रीददार होगा क्योंकि जिन फसलों को पंजाब सरकार खरीदती है उन पर किसानों को भ्रम में रखा जा रहा है ।
श्री धनखड़ ने कहा कि पंजाब की कांग्रेस सरकार के इन कृषि कानूनों से किसान और व्यापारियों में विवाद बढ़ने के रास्ते खुल गए है । विवाद के डर से सरकारी खरीद बंद होने के बाद किसान को अपनी फसल का खरीदार ही मिलना मुश्किल हो जाएगा जिससे केवल किसान की परेशानी बढ़ेगी । पंजाब सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है ।
उन्होंने कहा कि न्यायपालिका स्वतंत्र इकाई है उस पर पाबंदियां नहीं लगाई जा सकती । इसलिए ही केंद्र सरकार ने किसानों से जुड़े विवाद के लिए एस डी एम को इसके निपटान करने का अधिकार दिया है । कम से कम समय में विवाद का निपटान स्थानीय स्तर पर होने से किसान का समय और पैसा दोनों बचेगा और जल्दी न्याय भी मिलेगा । केंद्र सरकार के तीन कृषि कानून किसान कि मर्जी के कानून है जिनकी सिफारिश खुद स्वामीनाथन ने अपनी रिपोर्ट में की थी । केंद्र सरकार ने ये कानून उन प्रगतिशील किसानों के लिए बनाएं है जो कृषि को बड़े और व्यापारिक स्केल पर करना चाहते है ।
बरोदा उपचुनाव में कपूर नरवाल के कांग्रेस के समर्थन पर बोलते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि ऐसा पहली बार देखा गया कि कोई व्यक्ति अपना नामांकन वापस ले रहा है और उसके प्रचार के लिए फोटो लिए जा रहें है । कांग्रेस बरोदा उपचुनाव में अपने स्तर से गिर रही है । भारतीय जनता पार्टी ने पिछले चुनाव में भी तीन खिलाडियों को मैदान में उतारा था । इस उपचुनाव में भी एक अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है जिसने देश और प्रदेश का बहुत मान बढ़ाया है । उन्होंने कहा कि भाजपा बरोदा में विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है ।
शर्मा
वार्ता
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